मंदिर निर्माण को अयोध्या कूच की चेतावनी
संवाद सूत्र, लालढांग: जगद्गुरु राजराजेश्वराश्रम और महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने केंद्र
संवाद सूत्र, लालढांग: जगद्गुरु राजराजेश्वराश्रम और महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने केंद्र की भाजपा सरकार को राममंदिर निर्माण को जल्द मार्ग प्रशस्त करने का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यह आम भारतीय जनमानस की मांग है। मांग पूरी न हुई तो भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि छह दिसंबर तक अगर सरकार कोई फैसला नहीं सुनाती है, तो संत और विशाल जनमानस अयोध्या कूच करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
रविवार को गाजीवाली स्थित योगानंद योग फाउंडेशन के वार्षिक समारोह मे आयोजित संत सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें शामिल सभी संतों ने एकस्वर में राममंदिर निर्माण पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण कराने की बात कही। जगद्गुरु स्वामी राज राजेश्वराश्रम ने कहा कि राम मंदिर हर हाल में बनना चाहिए। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि भाजपा इस बात को साफ-साफ सुन ले कि उसे हर हाल में राममंदिर निर्माण करना ही पड़ेगा। उनके पास अब सिर्फ 6 माह का समय बचा है। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें तुरंत राममंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को आदेशीत करना चाहिए।
सिद्धपीठ दक्षिण कालीमंदिर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि भारत सरकार राम मंदिर निर्माण अब नहीं करेगी, तो कब करेगी। कहा कि भारत के सभी संत एकमत होकर राम मंदिर निर्माण चाहते हैं। रामलला मंदिर का निर्माण करने का निर्णय केंद्र सरकार को तुरंत लेना चाहिए। सरकार राम मंदिर निर्माण करने के लिए 2019 का इंतजार न करे। अगर सरकार राम मंदिर निर्माण करती है तो 2024 में भी केंद्र में भाजपा सरकार आ सकती है। नहीं तो भाजपा को 2019 में ही मुंह की खानी पड़ेगी। केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि राममंदिर निर्माण पर संत अब शांत रहने वाले नहीं हैं। छह दिसंबर तक राम मंदिर निर्माण का कोई आदेश जारी नहीं हुआ तो संत और जनमानस विराट रूप लेकर अयोध्या कूच करने को विवश होंगे।
इससे पूर्व स्वामी सत्यव्रतानंद महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य से उनके यहां श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन का समापन हुआ। कहा कि अपने काम, क्रोध, मोह को परमात्मा की ओर जोड़ने का प्रयास करें। इस अवसर पर महंत दुर्गादास, विनोद महाराज, सुबोध महाराज आदि संत उपस्थित थे।