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Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में बैंक के दो फ्रेंचाइजी संचालक गिरफ्तार

कलियर पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में भारतीय स्टेट बैंक की फ्रेंचाइजी के दो संचालक को गिरफ्तार किया है।

By Edited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 07:13 PM (IST)
Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में बैंक के दो फ्रेंचाइजी संचालक गिरफ्तार
Scholarship Scam: छात्रवृत्ति घोटाले में बैंक के दो फ्रेंचाइजी संचालक गिरफ्तार

कलियर(हरिद्वार), जेएनएन। कलियर पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में भारतीय स्टेट बैंक की फ्रेंचाइजी के दो संचालक को गिरफ्तार किया है। इन पर धनौरी क्षेत्र की एक आइटीआइ के छात्रों के फर्जी बैंक खाते खोलकर 52 लाख की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। इस मामले में आइटीआइ संचालक ने अपनी गिरफ्तारी पर पहले से ही स्टे ले रखा है। 

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हरिद्वार जिले में कलियर के धनौरी क्षेत्र में महर्षि दयानंद आइटीआइ है। आरोप है कि आइटीआइ संचालक अश्वनी कुमार निवासी धनौरी ने गांव में ही भारतीय स्टेट बैंक की फ्रेंचाइजी चलाने वाले नवीन कुमार और अमित कुमार निवासी किशनपुर जमलापुर, थाना भगवानपुर के साथ मिलकर छात्रों के फर्जी खाते खुलवाए थे। आइटीआइ संचालक ने दोनों के साथ मिलकर 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। 
एसआइटी ने जांच पड़ताल की तो धोखाधड़ी का यह मामला सामने आया था। इस मामले में जांच पड़ताल के बाद एसआइटी ने कलियर थाने में महर्षि दयानंद आइटीआइ के संचालक अश्वनी निवासी धनौरी के अलावा फर्जी खाता खोलने वाले अमित और नवीन निवासी किशनपुर जमालपुर थाना भगवानपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले की जांच कलियर के धनौरी पुलिस चौकी प्रभारी यशवंत खत्री कर रहे थे। बुधवार को एसआइ यशवंत खत्री ने नवीन और अमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। चौकी प्रभारी यशवंत खत्री ने बताया कि इस मामले में आटीआइ संचालक अश्वनी ने अपनी गिरफ्तारी पर स्टे ले रखा है।
पानी निकासी को लेकर दो पक्षों में विवाद 
भगवानपुर के मोहितपुर गांव में गंदे पानी की निकासी को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। इस बात की शिकायत उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडे से की गई। उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडे ने तहसीलदार सुशील कुमार सैनी के नेतृत्व में खंड विकास अधिकारी एपी वैष्णव और जेई लेखपाल को मौके पर मामले के निस्तारण को भेजा। टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। तहसीलदार सुशील कुमार ने बताया कि तालाब पर अतिक्रमण होने के कारण गंदे पानी की निकासी के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। तालाब से अतिक्रमण हटाकर उसकी खुदाई होने पर पूरे गांव की निकासी तालाब में आसानी से की जा सकती है।

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