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इस युवक ने पेश की मिसाल, सगाई में दहेज के रूप में मांगी यह चीज

आइआइटी रुड़की के पीएचडी स्कॉलर रजत कौशिक ने अपनी सगाई में वधू पक्ष से दहेज के रूप में 11 फलदार पौधे लिए हैं। वहीं, सगाई भी बेहद सादगी पूर्ण तरीके से की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 05:04 PM (IST)
इस युवक ने पेश की मिसाल, सगाई में दहेज के रूप में मांगी यह चीज
इस युवक ने पेश की मिसाल, सगाई में दहेज के रूप में मांगी यह चीज

रुड़की, [जेएनएन]: आइआइटी रुड़की के पीएचडी स्कॉलर रजत कौशिक ने युवाओं के सामने मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी सगाई में वधू पक्ष से दहेज के रूप में 11 फलदार पौधे लिए हैं। वहीं, सगाई भी बेहद सादगी पूर्ण तरीके से की है। 

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मूलरूप से अंसारी मार्ग बाजार बुलंदशहर (उप्र) निवासी रजत कौशिक ने बताया कि वे आइआइटी रुड़की में गणित से पीएचडी कर रहे हैं। हाल ही में उनकी सगाई स्याना बुलंदशहर की यशिका शर्मा से हुई। रजत ने बताया कि उन्होंने पहले ही वधू पक्ष से सगाई में किसी भी प्रकार के लेन-देन से इंकार कर दिया था।

जब वधू पक्ष ने अपनी खुशी से देने की बात कही, तो उन्होंने कहा कि उन्हें सगाई में 11 फलदार पौधे भेंट करके वे अपनी इस ख्वाहिश को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे दहेज जैसी कुप्रथा के विरोधी हैं। साथ ही पर्यावरण प्रेमी हैं। आगामी सात जुलाई को उनका विवाह है।

वह विवाह में भी वधू पक्ष से दहेज के नाम पर कोई भी सौगात नहीं लेने वाले हैं। रजत ने बताया कि चार साल पहले उनके बड़े भाई धवल कौशिक की शादी में भी उन्होंने वधू पक्ष से कुछ नहीं लिया था। रजत कहते हैं कि शादी में दुल्हन के माता-पिता चाहे स्वेच्छा से दें या फिर वर पक्ष की ओर से मांग की जाए, उनके अनुसार ये दोनों की दहेज की श्रेणी में आते हैं। उनके अनुसार युवा वर्ग को दहेज जैसी कुप्रथा को बंद करने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही पौधे रोपित कर पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में योगदान देना चाहिए।

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