कोरोना वायरस के खात्मे को संत 21 जून से करेंगे तीन दिवसीय विशेष पूजन
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के आह्वान पर 21 जून को कोरोना संक्रमण के खात्मे को लेकर तीन दिवसीय विशेष पूजन किया जाएगा।
By Edited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 12:52 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के आह्वान पर 21 जून को कोरोना संक्रमण के खात्मे और हरिद्वार कुंभ-2021 के अपने नियत समय पर पूरा होने के निमित महादेव और काली की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। तीन दिवसीय इस पूजन का समापन 23 जून को होगा। 21 जून को सूर्य ग्रहण के दिन और 22 जून गुप्त नवरात्र के दिन कामाख्या देवी मंदिर सहित पूरे देश में प्रमुख मठ-मंदिरों और तंत्र स्थलों पर पूजन होगा।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री और जूना अखाड़े के श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि ने इस संदर्भ में सभी प्रमुख संतों और अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से वार्ता कर इसे अंतिम रूप दिया। कहा कि कुंभ के आयोजन की दृष्टि से होने वाले सभी बड़े काम अपनी प्रगति पर हैं और अन्य कार्यों को भी पूरा किए जाने की तैयारी है। हालांकि इसमें देर हो गई है पर, इसके लिए कुंभ आयोजन के समय में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी रविंदर पुरी से इस संदर्भ में हुई वार्ता का हवाला देते हुए श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरिद्वार कुंभ को नियत समय पर ही कराए जाने का पक्षधर है, क्योंकि कुंभ दैवीय व्यवस्था और आयोजन है। यह नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति के अनुसार नियत होता है। मानवीय व्यवस्था अनुरूप इसमें कोई पर्वितन संभव नहीं। कहाकि वैसे भी कुंभ के आयोजन में अभी काफी समय है।
पहला शाही स्नान मार्च 2021 में होना है। इसलिए कुंभ को बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाना है या छोटे पैमाने पर, इस पर विचार करने का यह उचित समय नहीं है। इस पर उसी वक्त तात्कालिक प्रभाव से निर्णय लिया जाएगा। पर, एक बात तय है कि कुंभ अपने नियत समय पर ही होगा। कोई भारी या बड़ी दिक्कत हुई, तो इसे प्रतिकात्मक रूप से संतों और विशिष्ट जनों के शाही स्नान के साथ संपन्न किया जाएगा। नहीं तो जैसा होता आया है, वैसे ही आयोजित होगा।
श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि पूरे विश्व को कोरोना संक्रमण से बचाने, हरिद्वार कुंभ को नियत समय परत निर्विघ्न संपन्न कराने और राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना से 21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के दिन महादेव और मां काली का विशेष पूजन आरंभ किया जा रहा है। 22 जून को गुप्त नवरात्र वाले दिन कामाख्या देवी मंदिर में होने वाले विशेष अनुष्ठान में अखाड़ा परिषद के प्रमुख पदाधिकारियों संग कई प्रमुख संत-महात्मा भी शामिल होंगे। कहा कि संभव हुआ तो वह स्वयं भी इसमें शामिल होंगे।
व्यवस्था पुख्ता न होने पर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद हों मंदिरों के कपाट
श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि वक्रीय और ग्रहों की गणना के अनुसार सितंबर माह के अंत से कोरोना का संक्रमण कम होने लगेगा, इस बीच इसका प्रकोप बढ़ने की आशंका है। इसके मद्देनजर उन्होंने जूना अखाड़े और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अधीन आने वाले सभी प्रमुख मंदिरों के प्रबंधतंत्र को नियमों का पालन करने और स्वास्थ्य संबंधी सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को न कर पाने की दिशा में गुरु पूर्णिमा और जरूरत पड़ने पर आगे भी मंदिरों के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जाने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते की निश्छल मन से भगवान के दर्शनों को आए श्रद्धालु किसी लापरवाह की गलती का शिकार हो स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से ग्रसित हो जाए। कहा कि इससे मंदिर प्रबंधतंत्र की व्यवस्था पर भी उंगली उठ सकती है, इससे बेहतर है कि आप यह स्थिति आने ही न दें और सावधानी के लिए मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश को कुछ समय के वर्जित कर दें।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें