होली के दिन मातृसदन परमाध्यक्ष शिवानंद ने शुरू किया अनशन Haridwar News
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती आज सुबह से गंगा रक्षा को लेकर स्वयं अनशन (तपस्या) शुरू कर दिया।
हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने मंगलवार से गंगा रक्षा को लेकर अपनी तपस्या (अनशन) शुरू कर दी। वहीं, मातृसदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने अपने अनशन को विराम दे दिया।
जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में मंगलवार से परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने गंगा रक्षा को लेकर अपनी तपस्या शूरू कर दी। बताया कि ब्रह्मलीन पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद के गंगा रक्षा संकल्प को पूरा कराने के लिए वह तपस्या शूरू कर रहे हैं। जिसमें वह एक दिन में बिना नींबू, नमक और शहद वाला केवल पांच गिलास पानी लेंगे। धीरे-धीरे इस पानी की मात्रा भी कम करके चम्मच कर देंगे।
अंत में जल भी त्याग करके अपनी आत्मा को परम तत्व में विलीन कर पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद और ब्रह्मचारिणी पद्मावती के संकल्प को बल देने का प्रयास करेंगे। वहीं, ब्रह्मचारी संत
आत्मबोधानंद ने दिल्ली एम्स से लौटकर मातृसदन आश्रम में पहुंचकर 40 दिन के बाद अपने अनशन को समाप्त कर विराम दे दिया। इस दौरान आत्मबोधानंद का जल त्याग अनशन भी 20 दिन रहा।
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ये हैं छह सूत्रीय मांगें
- गंगा पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित सभी बांधों को निरस्त किया जाए।
- गंगा पर बने चुके बांधों से गंगा में प्राकृतिक प्रवाह को दुरूस्त रखने के लिए ई-फ्लो की ठोस व्यवस्था बनाई जाए, हरिद्वार भी इसमें शामिल हो।
- गंगा में खनन से संबंधित एनजीटी के आदेशों का अक्षरश: पालन करने को नोटिफिकेशन जारी हो।
- गंगा एक्ट के लिए सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तृत चर्चा जिसमें मातृसदन और अन्य गंगा प्रेमियों को भी शामिल किया जाए।
- एनजीटी के जज राघवेंद्र राठौर को गंगाद्रोही घोषित कर उन्हें निलंबित कर मातृसदन की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की जाए।
- हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस को निलंबित कर उनकी जांच की जाए।