कानूनी दांव-पेच में फंसा करोड़ों का गन्ना बकाया
इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े 17 हजार किसानों का दो पेराई सत्र का भुगतान अटका हुआ है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े 17 हजार किसानों का दो पेराई सत्र का भुगतान कानूनी दांव-पेच में फंस गया है। इससे किसान परेशान हैं।
इकबालपुर चीनी मिल पर पेराई सत्र 2017-18, 2018-19 का 140 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है। गन्ने का भुगतान ना होने पर किसानों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने आदेश दिया कि इकबालपुर मिल के गोदाम में जमा दो साल की चीनी को बेचकर मिलने वाली धनराशि को एसडीएम भगवानपुर एवं सहायक गन्ना आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त खाते में जमा कराया जाए। इसके बाद अदालत तय करेगी कि कैसे भुगतान होना है। चीनी मिल इकबालपुर की ओर से अभी तक मात्र 22 करोड़ की चीनी बेचकर इस खाते में धनराशि जमा की गई है। इसको लेकर किसानों में भी आक्रोश है। किसान क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कटार सिंह का कहना है कि चीनी मिल की नीयत ठीक नहीं है। इसके चलते ही किसानों के भुगतान में देरी हो रही है। वहीं प्रशासन भी इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठा है। प्रशासन भी ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसान परेशान है। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि इस संबंध में मिल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा गया था। मिल प्रबंधन का कहना है कि चीनी की मांग कम होने के चलते ऐसा हो रहा है। उनकी ओर से प्रयास किया जा रहा है।
पहले भी चीनी नहीं हो सकी थी नीलाम
प्रशासन ने इस साल इकबालपुर चीनी मिल के गोदाम में जमा चीनी को नीलाम कराने की दो बार प्रक्रिया की लेकिन, चीनी नीलाम नहीं हो सकी। किसानों का आरोप था कि प्रशासन ने जो शर्तें लगाई थी, उन शर्तों के अनुसार तो कोई भी चीनी नहीं खरीद सकता था। इसके बाद मिल प्रबंधन को ही चीनी बेचकर पैसा जमा कराने को कहा गया था।