देखभाल करनी पड़ रही थी, तो नाबालिग बहनों ने गंगा में फेंक दिया डेढ़ साल के मासूम को
डेढ़ साल के मासूम की देखभाल करनी पड़ रही थी तो नाबालिग बहनों ने भाई को गंगा में फेंक दिया। सीसीटीवी से मामले का खुलासा हुआ है।
हरिद्वार, जेएनएन। दुधमुंहे बच्चे का अपहरण नहीं हुआ, बल्कि उसे सगी और चचेरी नाबालिग बहनों नें गंगा में फेंक दिया था। उन्होंने यह केवल इसलिए किया कि उन्हें उसकी देखभाल करनी पड़ रही थी। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में कामयाब हो पाई। आरोपित बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गंगा में मासूम की तलाश की जा रही है।
ज्वालापुर में एक शख्स का डेढ़ साल का बेटा शुक्रवार को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था। परिवार में आपसी विवाद के चलते उसने अपने नि:संतान भाई-भाभी पर अपहरण का शक जता उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी थी। पूछताछ में बच्चे के बारे में उनसे कोई जानकारी नहीं मिली। इस मामले में बिजनौर के एक तांत्रिक की तलाश भी होने लगी थी, लेकिन पुलिस को कोई सिरा नहीं मिला।
इस बीच, सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो रहस्य की परतें खुलती चली गईं। फुटेज में शुक्रवार सुबह पांच बजे लापता मासूम की सगी और चचेरी बहनें हाथ में एक बैग लेकर रेलवे पुल की तरफ जाती और कुछ देर बाद खाली हाथ लौटती दिखीं। पुलिस पूछताछ में उन्होंने जो खौफनाक किस्सा बयां किया, उससे सब हक्के-बक्के रह गए। आरोपित सगी बहन ने बताया कि कुछ दिन पहले तक मां फैक्टरी में काम करने चली जाती थी और इनदिनों वह बीमार हैं। ऐसे में हमेशा उसे ही अपने छोटे भाई की देखभाल करनी पड़ती थी। इससे वह तंग आ गई थी।
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छुटकारा पाने के लिए उसने चचेरी बहन के साथ मिलकर छोटे भाई को थैले में लपेटकर गंगा में फेंक दिया। उसने बताया कि एक महीने पहले एक महिला ने अपने बच्चे को इसी तरह गंगा में फेंक दिया था। भाई से छुटकारा पाने का आइडिया उसे इसी से सूझा। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने दोनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।
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