एसडीएम के नोटिस पर स्वामी शिवानंद ने उठाए सवाल
संवाद सहयोगी हरिद्वार मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने एक बार फिर प्रशासन
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने एक बार फिर प्रशासन को आड़े हाथ लिया है। पूछा कि आखिरकार प्रशासन रात में ही आश्रम क्यों आता है, जबकि उन्हें पहले ही मना किया जा चुका है। साथ ही उन्होंने एसडीएम कुश्म चौहान से पूछा कि, आखिर उन्होंने किस हैसियत से साध्वी पद्मावती को दोबारा अनशन तोड़ने का नोटिस दिया है। दूसरी ओर, पूर्व प्रोफेसर ज्ञानस्वरूप सानंद के गंगा रक्षा संकल्प को पूरा कराने के लिए साध्वी पद्मावती का 65वें और आत्मबोधानंद का अनशन 18वें दिन भी जारी रहा।
रविवार को पत्रकार वार्ता में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने बताया कि एसडीएम कुश्म चौहान शनिवार रात करीब नौ बजे पुलिस-प्रशासन के साथ साध्वी को जबरन उठाने आई थी, लेकिन विरोध के बाद वह खाली हाथ लौट गई। रविवार सुबह आश्रम के मुख्य द्वार पर एक नोटिस लटका मिला, जिसमें एसडीएम कुश्म चौहान ने उन्हें और साध्वी को अनशन तोड़ने के आदेश दिए हैं। कहा कि वह पूछना चाहते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट और संविधान में अनशन करने का अधिकार दिया गया है तो एसडीएम क्यों नोटिस दे रही हैं। उन्होंने एसडीएम को ई मेल भेजकर नोटिस भेजने पर जवाब मांगा है। उधर, रविवार को आश्रम में पहुंचकर जिला अस्पताल के डॉ. विकास कुमार ने साध्वी का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें उनका वजन 42 किलोग्राम व स्वास्थ्य सामान्य पाया गया। वहीं आत्मबोधानंद का स्वास्थ्य भी सामान्य और वजन 58 किलोग्राम पाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी की जिलाध्यक्ष हेमा भंडारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गंगा रक्षा को आंदोलन कर रही साध्वी पद्मावती और आत्मबोधानंद को अपना समर्थन दिया। कहा कि गंगा रक्षा के लिए पार्टी मातृसदन के साथ खड़ी है। इस मौके पर जिला सचिव अनिल सती, रणधीर सिंह, सुरेश कुमार, रघुवीर सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।
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उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की रिपोर्ट रात में मिली थी। अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रात में ही साध्वी पद्मावती के जीवन रक्षा के लिए उनसे अनशन समाप्त करने का आग्रह करने गई थी। आगे भी जब भी रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार साध्वी का जीवन बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा।
कुश्म चौहान, एसडीएम, हरिद्वार