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शिवानंद बोले, गंगा रक्षा को ठोस कदम उठाए प्रशासन; 27 से आत्मबोधानंद त्यागेंगे जल

स्वामी शिवानंद सरस्वती ने शासन-प्रशासन पर गंगा के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:25 PM (IST)
शिवानंद बोले, गंगा रक्षा को ठोस कदम उठाए प्रशासन; 27 से आत्मबोधानंद त्यागेंगे जल
शिवानंद बोले, गंगा रक्षा को ठोस कदम उठाए प्रशासन; 27 से आत्मबोधानंद त्यागेंगे जल

हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने शासन-प्रशासन पर गंगा के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के आदेशों का पालन कराने के बजाय आदेशों को उलझाने में लगा है। शिवानंद का कहना है कि गंगा रक्षा के लिए तपस्यारत आत्मबोधानंद का हालचाल लेने प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई नहीं आया। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। वहीं, आत्मबोधानंद ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि प्रशासन तपस्या को गंभीरता से न लेकर, केवल तप करने वालों को मारने का षडयंत्र रचता है। उन्होंने कहा अगर मेरी जान गई तो इसके लिए प्रधानमंत्री समेत छह लोग जिम्मेदार होंगे। 

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मातृसदन में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की ओर से नौ अक्टूबर को जारी आदेश में जिला प्रशासन को गंगा में हो रहे खनन को नियंत्रित करने को कहा। पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने 16 अक्टूबर को खनन सचिव को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगा। जबकि डीएम को एनएमसीजी के आदेश का पालन कराना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आत्मबोधानंद की ओर से जारी वीडियो संदेश सभी को दिखाया। 

उन्होंने कहा कि अगर 27 अप्रैल को जल त्यागने के बाद उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया तो उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। अगर उनकी जान गई तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, डीएम दीपक रावत समेत छह लोग जिम्मेदार होंगे। 

तीन बिंदुओं पर कदम उठाए सरकार

मातृसदन पहुंची एसडीएम कुश्म चौहान ने कनखल के सीओ की मौजूदगी में परमाध्यक्ष शिवानंद सरस्वती से बात की। शिवानंद ने कहा कि हम केवल न्याय चाहते हैं। हम स्वामी सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की गंगा रक्षा की मांग को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तीन प्रमुख बिंदुओं गंगा पर बनने वाले प्रस्तावित बांधों पर रोक लगे, निर्माणाधीन बांधों का कार्य रोका जाए, हरिद्वार में गंगा में खनन पर पूर्ण रोक लगे पर कार्रवाई करनी चाहिए। एसडीएम ने उनकी मांगों को शासन को भेजने का आश्वासन दिया। उन्होंने अनशन समाप्त करने की अपील की। 

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