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छात्रवृत्ति घोटाले में जेडी समेत सात कार्मिकों पर गिरफ्तारी की तलवार

छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने शासन से समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की अनुमति मांगी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 05:51 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 05:51 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में जेडी समेत सात कार्मिकों पर गिरफ्तारी की तलवार
छात्रवृत्ति घोटाले में जेडी समेत सात कार्मिकों पर गिरफ्तारी की तलवार

हरिद्वार, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ और अधिकारियों की गर्दन नपने जा रही है। एसआइटी ने शासन से समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल और तीन सहायक समाज कल्याण अधिकारियों समेत सात कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की अनुमति मांगी है। शासन के सूत्रों ने एसआइटी का पत्र मिलने की पुष्टि की। ऐसे में इन सभी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में जनजाति कल्याण उप निदेशक अनुराग शंखधर की इसी मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। 

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हरिद्वार और देहरादून जनपद में हुए करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने एक सप्ताह पहले सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन नौटियाल एसआइटी कार्यालय नहीं पहुंचे। एसआइटी ने मार्च के महीने रिटायर्ड सहायक समाज कल्याण अधिकारी मुनीश त्यागी, वर्तमान में खानपुर ब्लॉक के सहायक समाज कल्याण अधिकारी विनोद कुमार और भगवानपुर के सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश को भी नोटिस जारी किया था। 

इस बीच, एसआइटी ने संयुक्त निदेशक नौटियाल के साथ ही विनोद कुमार और सोम प्रकाश सहित कुल सात अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई की अनुमति मांगी है। एसआइटी में भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की जांच कर रहे एएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए नियमानुसार शासन की अनुमति जरूरी होती है। इसीलिए गीताराम नौटियाल सहित सात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी गई है। 

दो अधिकारियों की हो चुकी है मौत 

एसआइटी की जांच की जद में आए समाज कल्याण विभाग के दो अधिकारियों की मौत हो चुकी है। बताया गया कि  इनमें एक अधिकारी हरिद्वार में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे थे। अपनी तैनाती के दौरान इन अफसरों की तूती बोलती थी। ये सभी तत्कालीन मंत्री के करीबियों में शुमार थे। 

अनुमति के बावजूद कोर्ट गए थे शंखधर 

एसआईटी ने अनुराग शंखधर के कार्रवाई के लिए भी शासन से अनुमति मांगी थी। लेकिन, अनुमति मिलने के बावजूद अनुराग शंखधर एसआइटी से बचने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट चले गए थे। वहां से राहत न मिलने पर वह एसआइटी के सामने पेश हुए। सौ से ज्यादा सवालों का सामने करने के बाद शंखधर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद शासन ने आरोपित को निलंबित भी कर दिया था। 

अब तक 13 गिरफ्तारियां 

छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक एसआइटी अनुराग शंखधर सहित 13 को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई काजी नूरुद्दीन, रुड़की के पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन के दत्तक पुत्र चेरब जैन और एक कैबिनेट मंत्री की करीबी रिश्तेदार मनिका शर्मा भी शामिल हैं हालांकि, चेरब जैन को जमानत मिल चुकी है। 

नौटियाल को राहत नहीं 

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं वर्तमान में संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से संबंधित याचिका खंडपीठ को रेफर कर दी है। नौटियाल ने खुद को निर्दोष बताते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिका को खंडपीठ को रेफर की है। बता दें कि घोटाले से संबंधित याचिका मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में विचाराधीन है।  

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