एक नजर
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : देश के भावी कर्णधारों के नैतिक उत्थान में जुटा शांतिकुंज का भार
राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
हरिद्वार : देश के भावी कर्णधारों के नैतिक उत्थान में जुटा शांतिकुंज का भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रकोष्ठ (भासंज्ञाप) का दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि विद्यार्थीकाल से ही उनमें नैतिक उत्थान के बीज रोपे जाएं। व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति भारतीय संस्कृति है। इसमें समस्त समस्याओं का समाधान निहित है। एचपी ¨सह ने परीक्षा की वित्तीय नियम एवं समिति गठन की रीति-नीति पर जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. चिन्मय पंड्या ने प्रांतीय संयोजकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए स्मृति चिह्न भेंट किया। भासंज्ञाप के समन्वयक प्रदीप दीक्षित ने बताया कि आगामी शैक्षणिक सत्र में भासंज्ञाप की परीक्षा अक्टूबर व नवंबर में कराई जाएगी। इस अवसर पर एसके श्रीवास्तव, शंकरभाई पटेल, रमाकांत अमाटे, एसआर चौधरी, शंकरलाल भावरकर, गंभीर ¨सह, राजपाल शर्मा आदि मौजूद रहे। वहीं शांतिकुंज परिवार ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को मौन श्रद्धांजलि दी।