किसानों के पास नहीं पहुंचे मैसेज, कोरे दावे
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसानों को गन्ना पर्चियों की जानकारी एसएमएस से देने की योजना पहले
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसानों को गन्ना पर्चियों की जानकारी एसएमएस से देने की योजना पहले ही चरण में विफल हो चुकी है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की ओर से तीन बार इंडेंट जारी किया गया, लेकिन एक बार भी किसानों के पास मैसेज नहीं पहुंचा है। इसको लेकर किसानों में भी रोष है।
गन्ना विभाग की ओर से इस बार पेराई सत्र शुरू होने से पहले दावा किया गया था कि किसान को गन्ना पर्चियों को देखने के लिए गन्ना समिति के दफ्तर में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विभाग की ओर से ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है कि गन्ना समिति से मिल की पर्ची जारी होते ही किसान के मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। मैसेज पर लिखा होगा कि उक्त पर्ची का कब तोल होगा। उसका नंबर क्या होगा। पर्ची के गुम होने पर किसान इस मैसेज से काम चला सकेगा। उसे बिना वजह की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की ओर से पिछले सप्ताह गन्ने का इंडेंट जारी कर दिया था। इस इंडेंट को लेकर बवाल भी हुआ। चीनी मिल की ओर से लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति के चेयरमैन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया लेकिन विभाग जो दावा कर रहा था वह पूरी तरह से विफल साबित हुआ है। 10 दिन से किसी भी गन्ना किसान के पास कोई मैसेज नहीं पहुंचा है। किसान इस्माइल, रिजवान अहमद, वसीम, सुरेन्द्र, ऋषिपाल आदि का कहना है कि विभाग केवल किसानों से कम्प्यूटर शुल्क के नाम पर वसूली कर रहा है। उनको सुविधा नहीं दी जा रही है। इस संबंध में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र ¨सह ने बताया कि नई व्यवस्था लागू की गई है। इसलिए शुरुआत में परेशानी आ रही है। शुक्रवार से जो भी इडेंट जारी होगा, उसका मैसेज किसानों तक पहुंच जाएगा।