Move to Jagran APP

परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई चंद्रभागा पर कांच का पुल बनाने की कवायद, जानिए वजह

चीन के हेबेई प्रांत की तरह आस्था पथ पर चंद्रभागा नदी और गंगा को जोड़ने के लिए कांच का पुल बनाए जाने की कवायद परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 12:33 PM (IST)
परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई चंद्रभागा पर कांच का पुल बनाने की कवायद, जानिए वजह
परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई चंद्रभागा पर कांच का पुल बनाने की कवायद, जानिए वजह

अनूप कुमार, हरिद्वार। ऋषिकेश में चीन के हेबेई प्रांत की तरह आस्था पथ पर चंद्रभागा नदी और गंगा को जोड़ने के लिए कांच का पुल बनाए जाने की कवायद परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई। हरिद्वार कुंभ मेला-2021 के तहत ऋषिकेश आस्था पथ, चंद्रभागा और गंगा के सौंदर्य को विश्व पर्यटन के नक्शे पर अलग पहचान दिलाने को कांच का पुल बनाने की योजना बनाई गई थी। ऋषिकेश में आस्था पथ के 'टी-प्वाइंट' पर गंगा और चंद्रभागा आमने-सामने तट पर प्रस्तावित पांच करोड़ की लागत की इस योजना को शासन ने सुरक्षा लिहाज से खतरनाक मानते हुए खारिज कर दिया, इसके बाद यहां स्टील का ब्रिज बनाने की योजना तैयार की गई, पर उसे भी मंजूरी नहीं मिली। अब कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के चलते कुंभ मेले के आयोजन और उसके आकार को लेकर पैदा हुई नयी परिस्थितियों ने यहां किसी भी तरह का पुल बनने की संभावना ही खत्म कर दी।

loksabha election banner

चीन के हेबेई(हुनान) प्रांत में जमीन से 218 मीटर की ऊंचाई पर करीब 430 मीटर (1410 फीट) लंबे कांच के पुल का निर्माण किया गया है। चार सेंटीमीटर मोटे 1077 पारदर्शी कांच के टुकड़ों से दो चट्टानों के बीच लटके इस पुल को आम पर्यटकों के लिए वर्ष 2017 में खोला गया था। इसके बाद से विश्व पर्यटन के क्षेत्र में इसने तेजी के साथ लोकप्रियता हासिल कर ली थी। हरिद्वार कुंभ की तैयारियों में लगे कुंभ मेला अधिष्ठान की टीम ने ऋषिकेश में कुंभ मेला निधि से बन रहे आस्था पथ के पास चंद्रभागा नदी और गंगा को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए 80 मीटर के प्रस्तावित पुल को चीन के कांच के पुल की तर्ज पर बनाने का खाका खींचा था। उद्देश्य था, आस्था पथ के जरिए ऋषिकेश के प्राकृतिक सौंदर्य को विश्व पर्यटन के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाना। 

उम्मीद जतायी गई थी कि इससे तीर्थ पर्यटकों के साथ-साथ प्राकृतिक प्रेमी विश्वभर के पर्यटक आकर्षित होंगे और राज्य के पर्यटन राजस्व की नयी राह मिलेगी। पर कुंभ के दौरान आने वाली भारी भीड़ के चलते सुरक्षा के लिहाज से इसे खतरनाक माना गया और कुंभ मेला अधिष्ठान ने इस योजना खारिज कर दिया। इसके बाद यहां स्टील सहित अन्य किसी तरह के पुल की कवायद शुरू कर दी गई, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते वह भी परवान नहीं चढ़ सकी। 

मामले को लेकर पूछे जाने पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीके सिंह बताया कि कुंभ मेला कार्यों के दृष्टिगत उनकी तैनाती फरवरी माह में हरिद्वार में है। यह योजना इससे पहले बनाई गई, लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिली। वर्तमान में यहां कोई भी पुल बनने का प्रस्ताव नहीं है, क्योंकि अब कुंभ की दृष्टि से यहां पर पुल का समय ही नहीं बचा है। वहीं, कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से योजना को स्वीकृति नहीं मिली। 

यह भी पढ़ें: लंबे इंतजार के बाद 'आबाद' होने जा रही गर्तांगली, दुनिया के खतरनाक रास्तों में है शुमार

इजरायली आर्किटेक्ट ने तैयार किया था डिजायन 

चीन में बना कांच का यह पुल 99 ट्रिपल लेयर शीशे के पैनल से बना है, जिसका डिजाइन इजराइली आर्किटेक्ट हाइम डोटान ने तैयार किया है। इस पुल को बनाने में भारी-भरकम लागत आई है। इसके साथ ही इस पुल पर एक दिन में आठ हजार पर्यटकों को जाने की अनुमति है। यहीं अवतार फिल्म की शूटिंग हुई थी। इसलिए पुल का नाम अवतार पड़ा। 

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Tourism News: उत्तराखंड में पर्यटकों को लुभाने के लिए टूरिस्ट टोकन योजना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.