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साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ और डाक्टर पर लगाए बदनाम करने के आरोप

दून मेडिकल कालेज से छुट्टी होने के बाद मातृसदन आश्रम पहुंची साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ व एक अन्य डॉक्टर पर उन्हें दो महीने की गर्भवती होने की बात कहने का आरोप लगाया है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 11:01 AM (IST)
साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ और डाक्टर पर लगाए बदनाम करने के आरोप
साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ और डाक्टर पर लगाए बदनाम करने के आरोप

हरिद्वार, जेएनएन। दून मेडिकल कालेज से छुट्टी होने के बाद मातृसदन आश्रम पहुंची साध्वी पद्मावती ने दून की सीएमओ व एक अन्य डॉक्टर पर उन्हें दो महीने की गर्भवती होने की बात कहने का आरोप लगाया है। कहा कि मातृसदन की छवि खराब करने की नीयत से ऐसा किया गया। साध्वी के आरोपों के बाद मातृ सदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने सीएमओ व डॉक्टर पर सौ करोड़ रुपये की मानहानि का दावा व आपराधिक वाद दायर करने की बात कही है।

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गत रात करीब साढ़े नौ बजे मातृ सदन आश्रम पहुंची साध्वी पद्मावती ने कहा कि देहरादून की सीएमओ व एक अन्य डॉक्टर ने उन्हें कहा कि वह दो माह की गर्भवती हैं। साध्वी ने इसे षड्यंत्र करार दिया। इसी वजह से उन्हें बंद कमरे में रखा गया था। जहां किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा था। 

उन्होंने कहा कि कई बार उनके कमरे में पुलिस पुरुषकर्मी भी पहुंचे थे। आरोप लगाया कि सीएमओ व अन्य डॉक्टर बार-बार यह बात कह रहे थे कि यह लड़की मुख्यमंत्री पर तरह-तरह के आरोप लगा रही है। इससे साफ है कि सोची-समझी साजिश के तहत मातृसदन को बदनाम करने की योजना थी।

इधर, स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि ऐसे झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ मानहानि का वाद दायर किया जाएगा। कहा कि साध्वी को षड्यंत्र के तहत आश्रम से जबरन उठाने और दून अस्पताल ले जाने में शामिल रहे सभी अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री और अगर केंद्र सरकार की भी इसमें भूमिका है। सभी पर आपराधिक मामला दर्ज कराएंगे। 

वहीं, इस मामले में देहरादून की सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने साध्वी के आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना है कि काफी लंबे समय से साध्वी अनशन पर थी। ऐसे में शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए उनकी तमाम जरूरी जांचें करवाई गई। अब वह किस जांच के विषय में क्या कह रहीं है इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।

शिवानंद ने फिर दोहराया मातृसदन में दें उपचार 

डीआइजी अरुण मोहन जोशी से हुई वार्ता में मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने एक फिर से दोहराते हुए उन्हें भी कहा कि साध्वी पद्मावती का जो भी उपचार दिया जाए, वह मातृ सदन आश्रम में लाकर ही दिया जाए। कहा कि अस्पताल में पहले भी उपचार के दौरान पूर्व प्रोफेसर ज्ञानस्वरूप सानंद और निगमानंद की हत्या की जा चुकी है। इससे वह अब अस्पताल में उपचार कराकर साध्वी की हत्या की साजिश किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देंगे। 

माफी मांगें एनएमसीजी के अधिकारी 

मातृसदन आश्रम से साध्वी पद्मावती को जबरन उठाकर देहरादून अस्पताल में भर्ती कराने के बाद से अनशन शुरू करने वाले ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने कहा कि चार मई 2019 को एनएमसीजी के अधिकारियों ने उन्हें मांगें पूरी कराने के लिए आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक मांगें पूरी नहीं की गई हैं। 

इससे मांगों को पूरा कराने के साथ ही अब एनएमसीजी के अधिकारी मातृसदन आश्रम में आकर माफी मांगे। कहा कि उन्होंने पूर्व प्रोफेसर ज्ञानस्वरूप सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए 24 अक्तूबर 2018 से चार मई 2019 तक 194 दिन का अनशन किया था। एनएमसीजी के अधिकारियों ने आश्रम में पहुंचकर मांगें पूरी करने का भरोसा देकर अनशन समाप्त करा दिया था, लेकिन मांगे आज तक पूरी नहीं की गई हैं। जिससे अब वह मांगे पूरी होने तक अनशन पर रहेंगे। 

ध्वनि प्रदूषण से बिगड़ी साध्वी की तबीयत: शिवानंद 

स्वामी शिवानंद ने बताया कि कि दो दिन से वसंत पंचमी पर तेज ध्वनि से बज रहे डीजे से लगातार ध्वनि प्रदूषण होता रहा। ध्वनि प्रदूषण के कारण साध्वी पद्मावती के एसिडिटी की समस्या होने से उल्टियां हुईं, लेकिन फिर भी वह दवा लेने के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गई थीं। अब उन्हें महात्मा गांधी की पुण्य तिथि और वसंत पंचमी के महत्वपूर्ण दिन एक साजिश के तहत उनकी हत्या करने के लिए दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कहा कि सरकार और प्रशासन संविधान, कानून का खुलेआम उल्लंघन करने के साथ ही मातृसदन पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन गंगा रक्षा को संविधान के दायरे में रहकर सभी उत्पीडऩों को मातृसदन सहेगा। 

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दरवाजा खोलने से टूटी चटखनी 

गुरुवार की रात में साध्वी पद्मावती को जबरन उठाने के दौरान दरवाजे की चटखनी भी टूट गई। दरअसल, साध्वी दरवाजा बंद करके अंदर बैठी हुई थीं, लेकिन पुलिस कर्मियों ने झटका मारा तो दरवाजे की चटखनी एक ही बार में टूट गई और दरवाजा खुल गया था।

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