संघ के स्वयंसेवकों ने किया शस्त्र पूजन व दंड प्रदर्शन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी पर्व के साथ ही संघ का 96वां स्थापना दिवस मनाया। शिवपुरम स्थित मैदान में ध्वजारोहण किया गया। संघ के स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन के उपरांत दंड प्रदर्शन पद विन्यास एवं समता प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, रुड़की : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी पर्व के साथ ही संघ का 96वां स्थापना दिवस मनाया। शिवपुरम स्थित मैदान में ध्वजारोहण किया गया। संघ के स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन के उपरांत दंड प्रदर्शन, पद विन्यास एवं समता प्रदर्शन किया। इस मौके पर संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम ने कहा कि एक भारतीय को अपने भारतीय होने, भारतीय संस्कृति और अपने प्रतीक चिह्न पर गर्व होना चाहिए। साथ ही अपना व्यक्तित्व निर्माण कर समाज और राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने के लिए कार्य करना चाहिए। समाज सेवा से नर से नारायण की और बढ़ना चाहिए।
संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम ने कहा कि सद्कर्मों की परीक्षा भगवान भी लेते हैं। उन्होंने वीर सावरकर का उदाहरण देते हुए कहा जिस देश की सीमाएं तरुणों के लहू से तैयार होती हैं उस देश को कोई कमजोर नहीं कर सकता। श्रीराम ने और श्रीकृष्ण ने जन्म से संघर्ष किया और धर्म की विजय हुई। कहा कि भारतीय भारत को माता के रूप में मानते हैं और अपने को पृथ्वी का पुत्र मानते हैं। ऐसे में मां-पुत्र का संबंध बड़े से बड़ा बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटता है। विजयदशमी के पर्व पर स्वयंसेवकों को अपने मन की विकृति, काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईष्र्या, घृणा और अभिमान को मारने की आवश्यकता है। कहा कि जागरण कर समाज को संगठित करना संगठन का मुख्य उद्देश्य है।
इस मौके पर अंबेडकर कल्याण समाज समिति के अध्यक्ष सोमपाल ने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण के लिए सजग रहना चाहिए। इस अवसर पर नगर प्रचार प्रमुख संजय धीमान और काफी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।