श्रीगंगा सभा के महामंत्री ने दिया इस्तीफा, विपक्ष ने बताया नाटक
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा के महामंत्र
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा के महामंत्री रामकुमार मिश्रा ने गुरुवार शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम ने श्रीगंगा सभा की राजनीति को गर्मा दिया। हालांकि सभा में उनके विपक्षी इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश बता रहे हैं। सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी ने सभा चुनावी प्रक्रिया के बीच उनके इस कदम पर आश्चर्य जताया।
श्रीगंगा सभा के पूर्व प्रचार मंत्री अखिलेश शर्मा ने आरोप लगाया कि महामंत्री मिश्रा हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से भागते रहे हैं। उन्होंने 2010 के हरिद्वार कुंभ के दौरान सभा के अध्यक्ष रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया था, अब कार्यकाल समाप्ति वाले दिन इस्तीफा देकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकले हैं। रामकुमार मिश्रा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनका मन सभा की राजनीति से उखड़ चुका है, इसी वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है और आगे वह सभा की सक्रिय राजनीति में न तो कोई हिस्सा लेंगे और न ही कोई चुनाव लड़ेंगे। चार साल में होते हैं सभा के चुनाव
श्रीगंगा सभा में हर चार वर्षों में कार्यकारिणी के लिए चुनाव होते हैं। इसमें तीर्थ पुरोहित समाज के चुने हुए लोग ही हिस्सा लेते हैं। सभा की महत्ती सभा के सदस्यों को ही मत देने का अधिकार होता है, आम सभा के सदस्यों को नहीं। इस बार यह चुनाव दिसंबर 2018 तक संपन्न हो जाना था पर, सभा में महामंत्री रामकुमार मिश्रा और उनके गुट के आमसभा सदस्यों को भी मतदान करने का अधिकार (व्यस्क मताधिकारी) दिए जाने और इसके लिए महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित श्रीगंगा सभा के संविधान में संशोधन करने की मांग को लेकर पेंच फंस गया था। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। बाद में जनवरी के पहले पखवाड़े में श्रीगंगा सभा की बैठक में हुए मतदान में यह प्रस्ताव 67-49 से गिर गया।