आर्थिक आरक्षण के विरोध में दिया धरना
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में आर्थ
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में आर्थिक आधार पर दिए गए दस फीसद आरक्षण के विरोध में नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर अनुषांगिक संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि केवल सात दिन के अंदर दस फीसद आरक्षण बिल को अधिसूचित कर बीजेपी सरकार ने संविधान विरोधी कार्य कर देशद्रोह का अपराध किया है। विरोध में पांच मार्च को भारत बंद का आह्वान किया गया है।
जिला संयोजक भानपाल ¨सह, भंवर ¨सह, पंकज लांबा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथाकथित ब्राह्मण और तत्सम जातियों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने न तो गरीबी का सर्वे किया और न ही कमीशन बनाया। उदयवीर ¨सह, राजेंद्र श्रमिक, नरेश प्रधान, राजेंद्र भंवर, आशीष राजौर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16(4) में स्पष्ट लिखा है कि जिन सामाजिक समूहों का प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। उन सामाजिक समूहों को उनकी संख्या के हिसाब से उनके प्रतिनिधित्व की व्यवस्था आरक्षण के रूप में होगी। जबकि ब्राह्मण और तत्सम ऊंची जातियां प्रशासन में उनकी संख्या के अनुपात में अधिक प्रतिनिधित्व है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार श्रेणी एक की नौकरियों में 79.2 फीसद, श्रेणी दो की नौकरियों में 79.9 फीसद प्रतिनिधित्व है। इन आंकड़ों के आधार पर यह साबित होता है कि ब्राह्मण और तत्सम ऊंची जातियां प्रशासन में प्रतिनिधित्व से वंचित नहीं है बल्कि अपनी जनसंख्या से अधिक मात्रा में प्रशासन पर कब्जा किए हुए हैं। जो संविधान में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के मौलिक संविधान के विरोध में है। कहा कि आरक्षण गरीबी निर्मूलन का नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मुद्दा है। संविधान में आरक्षण की व्यवस्था प्रतिनिधित्व के रूप में है। यह भी ऐसे समूह के लिए जो हजारों सालों से जाति, अस्पृश्यता, कार्मिक आदि के आधार पर पिछड़ा हुआ है। धरना देने वालों में एडवोकेट रूपचंद आजाद, पास्टर सुरेंद्र, उदयवीर ¨सह, साधुराम, पुरुषोत्तम, सागरनंद, सुनील राजौर, अशोक कुमार, सचिन पिहवाल, प्रदीप बोहत, अजय कुमार आदि शामिल रहे।