हरिद्वार के मायादेवी मंदिर और श्रीआनंद भैरव मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार
जूना अखाड़े के राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी ने बताया कि जूना अखाड़े में 10 अक्टूबर को संतों की बड़ी और अहम बैठक होने जा रही है।
हरिद्वार, [जेएनएन]: नागा संन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े जूना अखाड़े में 10 अक्टूबर को संतों की बड़ी और अहम बैठक होने जा रही है। यह जानकारी देते हुए जूना अखाड़े के राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी ने बताया कि बैठक का मुख्य बिंदू हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी माया देवी तथा नगर रक्षक कोतवाल श्रीआनंद भैरव के प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करना होगा। दोनों मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है।
श्रीमंहत हरि गिरी ने बताया कि बैठक में महासभा के 51 सदस्यों के साथ-साथ पूर्व सभापति, पूर्व सचिव और कई वरिष्ठ महामंडलेश्वर भाग लेंगे। बैठक की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी के निर्देशन में तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
बताया कि नागा संन्यासियों, महामंडलेश्वरोंकी बढ़ती संख्या के चलते कुंभ मेला में इनके आवास, खाद्यान्न व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना अत्यंत कठिन हो जाता है, इसलिए बैठक में इस पर अभी से मंथन कर प्रशासन को जूना अखाड़े सहित अन्य अखाड़ों की आवश्यकताओं भूमि व अन्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं पर विचार किया जाएगा।
कहा कि 2010 के हरिद्वार कुंभ में भूमि आवंटन को लेकर काफी दिक्कत हुई थी, इसलिए अखाड़ा परिषद ने 2021 के कुंभ को दक्षद्वीप, बैरागी कैंप नीलधारा दीप ले जाने का निर्णय लिया है। शाही स्नान के जुलूस भी यहीं से निकाले जाएंगे।
मायादेवी मंदिर बनेगा 251 फीट ऊंचा
जूना अखाड़े के राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी ने बताया कि माया देवी मंदिर के मूल आकार तथा गर्भ गृह को यथावत रखते हुए उसके ऊपर 251 फुट ऊंचे शिखर के निर्माण की योजना है, जिसका नक्शा गुजरात के आर्किटेक्ट सोमपुरा ने बनाया है। दावा किया कि नक्शे को हरिद्वार विकास प्राधिकरण से पारित कराने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। नक्शा पास होते ही निर्माण शुरु करा दिया जाएगा, जिसे वर्ष 2021 कुंभ से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर की ऊंचाई को देखते हुए केंद्रीय उड्डयन विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
सीएम और शहरी विकास मंत्री से हो चुकी मंत्रणा
श्रीमहंत हरि गिरी ने बताया कि इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से वार्ता हो चुकी है। दोनों ही इस पर सैद्धांतिक रूप से राजी हैं और उन्होंने हर संभव सहायता देने का वादा किया है।
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