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नए एक्ट के विरोध में वाहनों के पहिए थमे, बेबस हुए यात्री

जागरण संवाददाता हरिद्वार मोटर व्हीकल एक्ट किए गए संशोधन व नये प्रावधानों नियमों का उल्लं

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 09:03 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 09:03 PM (IST)
नए एक्ट के विरोध में वाहनों के पहिए थमे, बेबस हुए यात्री
नए एक्ट के विरोध में वाहनों के पहिए थमे, बेबस हुए यात्री

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मोटर व्हीकल एक्ट किए गए संशोधन व नये प्रावधानों नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माने के प्रावधानों के खिलाफ बुधवार को शहर में वाहनों के पहिए थम गए। सुबह से ही टैक्सी, मैक्सी, आटो, ई-रिक्शा संचालन बंद होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन जाने-आने के लिए छोटे सवारी वाहन न मिलने से परिवार के साथ निकले यात्रियों को सामान व बच्चों के साथ धूप में पैदल चलना पड़ा।

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ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन कर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उत्तराखंड परिवहन महासंघ, उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, टैक्सी मैक्सी, विक्रम आटो यूनियन से जुड़े हजारों वाहनों के पहिए थमे रहें। जिससे आम जन जीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ। यूनियनों की ओर से आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से छूट दी गई थी। स्कूली वाहनों के हड़ताल में शामिल होने से अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं जा पाए।

वहीं आफिस, कारखाना आने जाने वालों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। आटो व निजी वाहनों के स्टैंड पर लोग घंटों खड़े रहे। काफी अनुरोध करने के बाद भी आटो व निजी कार चालकों ने सवारियां नहीं बैठाई। भगतसिंह चौक के आगे सेक्टर दो बैरियर के पास सिडकुल जाने वाले वाहन के स्टैंड पर कईं आटो वालों ने सवारियां बैठाई तो रास्ते में रोककर यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने उन्हें पैदल कर दिया। चालकों के अलावा यात्रियों से भी यूनियन पदाधिकारियों की जमकर नोक-झोंक हुई। औद्योगिक इकाइयों में देर से पहुंचने पर कई कर्मियों को गेट से ही वापस कर दिया। ----------------

खड़े रहे वाहन, पैदल चले यात्री

वाहनों के पहिए थमने से गंतव्य तक जाने के लिए यात्रियों को भटकना पड़ा। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए गौतमबुद्ध नगर से आए तीर्थयात्री विजय कुमार, वंशिका, बमित भूपतवाला भारतमंदिर का दर्शन करने के बाद करीब दस किलोमीटर की दूर तय कर पैदल रेलवे स्टेशन पहुंचे। उनके साथ महिलाएं सिर पर सामान के साथ गोद में बच्चे को लेकर पैदल चले। यही नजारा बस स्टेशन रोड पर भी दिखा। चंद्राचार्य चौक से करीब तीन किलोमीटर का सफर तय कर यात्री स्टेशन पहुंचे। खड़खड़ी, भूपतवाला, कनखल के आश्रमों और होटलों में ठहरे यात्री अपने सामानों के साथ सड़क पर पैदल चलते नजर आए।

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बाहर से आए यात्रियों को हुई परेशानी

रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से उतरने वाले यात्री जब परिसर से बाहर निकले तो सड़क पर ऑटो, साइकल रिक्शा व प्राइवेट टैक्सी वाहन न देखकर हैरान रह गए। यात्रियों ने आसपास के दुकानदारों से पूछा तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों की हड़ताल का पता चला। इसके बाद यात्री सामान के साथ होटल, धर्मशाला का रास्ता तलाशते नजर आए। मजबूरन यात्रियों को हाथ रिक्शा में लंबी दूरियां तय करनी पड़ी। तेज धूप और उमस के बीच यात्री हरकी पैड़ी के आसपास होटल, धर्मशालाओं में ठहरने के लिए रवाना हुए। बंद के चलते बाजारों में भी सामान्य दिनों के मुकाबले ग्राहकों की भीड़भाड़ कम रही। जिससे सड़कों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर भी यात्रियों की संख्या कम रही।


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