किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए साधना सर्वोपरि
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि स्थितप्रज्ञ बनने की दिशा में साधना आवश्यक है।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि स्थितप्रज्ञ बनने की दिशा में साधना आवश्यक है। किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए साधना सर्वोपरि है। शक्ति की आराधना के महापर्व के रूप में समर्पित नवरात्र साधना, ऐसा ही एक सर्वसुलभ सुनहरा अवसर है।
युवा उत्प्रेरक डॉ. पंड्या नवरात्र साधना में जुटे साधकों को वर्चुअल संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जब साधक सभी कामनाओं को त्यागकर आत्मा से संतुष्ट रहता है, तब वह स्थिति प्रज्ञ कहलाती है। ऐसी स्थिति प्राप्त करने के लिए साधना आवश्यक है। कहा कि साधकों को अपनी कामनाओं, इच्छाओं के जंजाल को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सार्थक उपलब्धि के लिए जप-तप करना चाहिए। साधना से मन स्थिर और विवेक का जागरण होता है। विवेक के जागरण से मनुष्य भटकता नहीं है। उन्होंने श्रीमद्भवतगीता में अर्जुन और श्रीकृष्ण संवाद का उल्लेख करते हुए स्थितप्रज्ञ की ओर अग्रसर होने के लिए साधना के लिए प्रेरित किया। बताते चलें कि गायत्री परिवार की टीम के मार्गदर्शन में अपने घरों पर ही रहकर देश-विदेश के हजारों साधक गायत्री तीर्थ जैसी दिनचर्या का पालन कर रहे हैं। सुबह जागरण, साधना, हवन, सत्संग से लेकर रात्रि शयन तक के दिनचर्या का पालन करते हुए नवरात्र साधना में जुटे हैं। गुजरात के उर्मिलभाई, छत्तीसगढ़ के सियाराम साहू, झारखंड के मनोज कुमार, बेंगलुरु के महेंद्र राजपुरोहित, राजेश व पूना महाराष्ट्र के नेतराम आदि सहित अमेरिका के विपुल भाई, कल्पेश भाई, श्वेता पटेल, श्रेयाबेन आदि ने बताया कि वो अपने-अपने घरों में ही गायत्री तीर्थ जैसी दिनचर्याओं का पालन कर रहे हैं।