जब उनका रक्त गिरा होगा तो धरती थर्राई होगी
जागरण संवाददाता, रुड़की: जब उनका रक्त गिरा होगा तो धरती थर्राई होगी दूर कहीं बूढ़ी मा
जागरण संवाददाता, रुड़की: जब उनका रक्त गिरा होगा तो धरती थर्राई होगी दूर कहीं बूढ़ी मां की झट आंख भर आई होगी, नमन उनको जिन्होंने कर्ज माटी का चुकाया है, नमन उनको जिन्होंने रक्त का चंदन लगाया है आदि पंक्तियों के जरिये कवियों ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। वहीं कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पाकिस्तान एवं वहां पल रहे आतंकी संगठनों के कुकृत्यों की भर्त्सना की और कड़ी चेतावनी दी। साथ ही देशवासियों एवं जवानों को सतर्क रहने का भी संदेश दिया।
संस्कार भारती ने नेहरू नगर में आयोजित भरत मुनि की जयंती के कार्यक्रम को पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में समर्पित किया। इस मौके पर काव्य संध्या के जरिये शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अलका घनशाला की वतन के वास्ते जो फर्ज थे सब पूरा कर आया मां मुझे बांहों का दे तकिया थकान से चूर आया मां पंक्तियां सुनकर श्रोताओं की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। शिल्पा सजल ने अन्नपूर्णा बहुत बन चुकी अब शत्रु का नाश करूंगी अस्त्र-शस्त्र अब धारण करके मैं काली का रूप धरूंगी के जरिए श्रोताओं में जोश भरा। इनके अलावा सौ ¨सह सैनी, राम शंकर ¨सह, अशोक शर्मा आर्य, मनीष श्रीवास्तव, पंकज गर्ग, किसलय क्रांतिकारी, राजकुमार उपाध्याय, नरेश राजवंशी आदि कवियों ने भी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध गजलकार कृष्ण सुकुमार उपस्थित रहे। इस मौके पर नरेंद्र आहूजा, केपी ¨सह, सुदर्शना, उदित चौधरी, आलोक पंवार, दीपेंद्र ¨सह रावत, रामानुज त्रिपाठी, रूपा राजपूत, उज्जवल, अनीता, शालू, स्वास्ति डोगरा खुशी, उजाला आदि उपस्थित रहे।