रुड़की में बॉर्डर पर यात्रियों की संख्या निर्धारित करने से स्थानीय लोग परेशान
सूबे में प्रवेश की सीमा के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित करने के बाद बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। आए दिन यात्रियों की पुलिस से नोकझोंक हो रही है।
रुड़की: (हरिद्वार), जेएनएन। सूबे में प्रवेश की सीमा के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित करने के बाद बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। आए दिन यात्रियों की पुलिस से नोकझोंक हो रही है। यहां तक कि सात अगस्त तक का स्लॉट बुक हो चुका है। इसके कारण स्थानीय नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है। कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की ओर से एक दिन में 1500 नागरिकों को ही सूबे में प्रवेश की इजाजत दी गई है। इसके तहत संबंधित व्यक्ति को ईपास बनवाना होगा। त्योहारी सीजन होने के चलते लोग ईपास बनवा रहे हैं। स्थिति यह है कि सात अगस्त तक का स्लॉट बुक हो चुका है। प्रदेश में आने वाले परेशान हैं, जिन्हें इमरजेंसी में आना है वह नहीं आ पा रहे हैं। इसकी वजह से परेशानी बढ़ गई है।
आएदिन बॉर्डर पर नोकझोंक हो रही है। बॉर्डर पर यात्रियों का दबाव देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। लिब्बरहेड़ी निवासी जतिन कुमार गुरुवार को रुड़की कचहरी पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी बहन को मुजफ्फरनगर से राखी बांधने आना है। केवल एक घंटे ही उसे रहना है, लेकिन ईपास नहीं बन पा रहा है। वह अधिकारियों से ऑफलाइन पास लेने आए हैं, लेकिन वह भी नहीं मिल पा रहा है।
भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी
नारसन में भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अरविंद राठी ने कहा कि 20 से अधिक गांव बॉर्डर पर हैं। यहां के किसान खाद, बीज-दवा आदि उप्र के कस्बा पुरकाजी एवं देवबंद से सामान लाते हैं। ऐसे में उनको परेशानी हो गई है। मुजफ्फरनगर जिले के कई गांवों के किसान नारसन और रुड़की में रहते हैं, जो प्रतिदिन खेती के लिए बॉर्डर पार जाते हैं और शाम को लौट आते हैं। अब उनके सामने परेशानी खड़ी हो गई है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। जो दूर से आ रहे हैं उनको पास अनिवार्य हो, लेकिन स्थानीय नागरिकों को छूट मिले। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। बैठक में मनोज कुमार, संदीप कुमार, नीरज, अनुज कुमार आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: ग्रामीण कौशल योजना बनाएगी युवाओं को हुनरमंद, पढ़िए पूरी खबर