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पाक हिंदुओं ने गंगा में प्रवाहित किया सिंधु नदी का जल, निकाली भव्य कलश यात्रा

शदाणी दरबार से शोभा यात्रा निकाल हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पाकिस्तानी हिंदू तीर्थ यात्रियों ने गंगा में सिंधु नदी का जल अर्पण कर स्नान किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 03:55 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 08:07 PM (IST)
पाक हिंदुओं ने गंगा में प्रवाहित किया सिंधु नदी का जल, निकाली भव्य कलश यात्रा
पाक हिंदुओं ने गंगा में प्रवाहित किया सिंधु नदी का जल, निकाली भव्य कलश यात्रा

हरिद्वार, जेएनएन। सप्त सरोवर स्थित शदाणी दरबार के महोत्सव में हिस्सा लेने धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे पाकिस्तानी हिंदुओं के 233 सदस्यीय जत्थे ने रविवार को अपने साथ लाए सिंधु नदी के जल को गंगा नदी में प्रवाहित किया। उन्होंने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर दोनों मुल्कों की खुशहाली की कामना भी की। इससे पूर्व, पाक हिंदुओं ने भक्ति गीतों के साथ धर्मनगरी में भव्य कलश यात्रा भी निकाली।

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गत आठ अप्रैल को तीर्थ भ्रमण पर भारत आए पाक हिंदुओं का दल शनिवार शाम शदाणी दरबार पहुंचा और रविवार को हरकी पैड़ी पर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। इससे पूर्व, पाक हिंदुओं की ओर से निकाली गई भव्य कलश यात्रा का सप्त सरोवर स्थित तुलसी मानस मंदिर, सूखी नदी पर प्रेम प्रकाश आश्रम समेत विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत हुआ। हरकी पैड़ी पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने दरबार के नवम पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल शदाणी और दल की अगवानी की।   

गंगा पूजन के बाद बातचीत में पाक ङ्क्षहदुओं ने कहा कि वह दो सप्ताह के तीर्थ भ्रमण पर भारत आए हैं। लेकिन, इस दौरान हर जगह उन्हें अपनेपन का अहसास हुआ। हैदराबाद प्रांत से आए धर्मदास व शालूमल ने कहा कि भारत से उनकी आत्मा जुड़ी हुई है, इसलिए दोनों मुल्कों के बीच होने वाले तनाव उन्हें पीड़ा पहुंचाता है। उन्होंने भारत-पाक के बीच वीजा व्यवस्था खत्म करने की भी मांग की, ताकि दोनों तरफ के लोग बिना किसी बंधन के एक-दूसरे से मिल सकें। हालांकि, पुलवामा अटैक और उसके बाद हुई एयर स्ट्राइक पर वह प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। 

जत्था लीडर कैलाश जोट, नरेंद्र शदाणी, शंकरलाल बत्रा, विकी शदाणी और राजकुमार तलरेजा ने धर्मनगरी पहुंचने को अपना सौभाग्य बताया। श्रद्धालुओं ने हरिद्वार पहुंचते ही शदाणी दरबार और गुरु के नारे लगाए। दरबार की ओर से बताया गया है कि दोनों देशों के बीच आपसी प्रेम के लिए विशेष पूजा भी कराई जाएगी। जिसके बाद दरबार के नवम पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठरलाल शदाणी के सानिध्य में तीन दिन चलने वाली राम कथा में भी श्रद्धालु भाग लेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम और आरती का आयोजन भी किया जाएगा।

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