ओपीडी में मरीजों की भीड़, डाक्टरों ने दिया परामर्श
जागरण संवाददाता हरिद्वार गर्मी के तेवर कड़े होते ही जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गर्मी के तेवर कड़े होते ही जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। मासूम मरीजों के साथ बड़े बुजुर्ग भी बीमारी की चपेट में आकर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। वरिष्ठ फिजिशियन के कक्ष में डेढ़ सौ से अधिक मरीजों ने परामर्श लिया। वहीं बालरोग विशेषज्ञ के कक्ष में आए मासूम मरीजों में अधिकांश वायरल और निमोनिया से पीड़ित रहे।
सोमवार को जिला अस्पताल में मरीजों की खासी भीड़ रही। बालरोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ फिजिशियन के कक्ष के बाहर और अंदर मरीज भरे थे। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संदीप टंडन ने दिन के बारह बजे तक ही 113 मरीजों को परामर्श दे दिया। ओपीडी समाप्त होने तक संख्या 163 पहुंच गई। उन्होंने बताया कि इन दिनों अधिकांश वायरल, उच्च रक्तचाप, डायरिया आदि की चपेट में मरीज हैं। तापमान बढ़ने से शरीर का संतुलन बिगड़ रहा है जिससे जरा सी असावधानी बढ़ने पर लोग बीमार पड़ रहे हैं। उनके ओपीडी कक्ष के बाहर गली में बड़ी संख्या में मरीज अपने क्रम के आने का इंतजार कर रहे थे।
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. शशिकांत के कक्ष और बाहर भी मासूम मरीजों को उनके परिवार के लोग इलाज कराने आए थे। मरीजों में आयुष, शौर्य, दीपिका, परी, खुशी, हिमानी, शशांक आदि मरीज वायरल और निमोनिया की चपेट में थे। डॉ. शशिकांत ने बताया गर्मी बढ़ने से धूप में निकलने पर बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। वायरल फीवर और निमोनिया की चपेट में बच्चे आ रहे हैं। मांगलिक समारोहों में कोल्ड ड्रिक्स, आइसक्रीम आदि के सेवन से बच्चों को दूर रखने की सलाह दी। साथ ही कहा कि कहीं भी धूप से लौटते ही तुरंत पानी न पीएं। कमरे के तापमान से संतुलन स्थापित होने के बाद पानी पीएं। संभव हो तो अभी फ्रिज की पानी बजाय सादा पानी ही पीएं। जिससे नुकसान करने की संभावना कम रहे। सावधानी के बाद भी यदि बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं तो विशेषज्ञ चिकित्सक से ही इलाज कराएं।
ऑर्थो सर्जन की ओपीडी रही बंद
जिला अस्पताल में रुड़की के ऑर्थो सर्जन पीके दुबे तीन दिन मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को यहां ओपीडी में अपनी सेवाएं देते हैं। अन्य दिनों वह रुड़की संयुक्त चिकित्सालय में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। ऐसे में सोमवार को उनका टर्न न होने से हड्डी रोग विभाग पर ताला जड़ा रहा। इससे मरीज निराश होकर लौटे।