गंगा किनारे निर्माण पर भाजपा विधायक को नोटिस
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बावज
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बावजूद गंगा के किनारे नियमविरुद्ध ढंग से आवासीय निर्माण करा रहे भाजपा के हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को मंगलवार शाम एचआरडीए (हरिद्वार-ऋषिकेश-रूड़की विकास प्राधिकरण) ने नोटिस जारी किया है। एचआरडीए के सचिव केके मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक हफ्ते के भीतर नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर निर्माण को सील कर दिया जाएगा। फिलहाल निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकने की भी उन्हें हिदायत दी गई है।
हरिद्वार ग्रामीण भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद लालढांग के गाजीवाला गांव में गंगा किनारे पर तकरीबन पांच हजार वर्ग फीट में बड़ा आवासीय निर्माण करा रहे हैं, जबकि एनजीटी और हाईकोर्ट नैनीताल ने गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण को प्रतिबंधित कर रखा है। इतना ही नहीं एचआरडीए सचिव केके मिश्रा का कहना है कि अब तक की जानकारी के अनुसार निर्माण के लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई है, यह नियम विरूद्ध निर्माण अधिनियम-1969 का खुला उल्लंघन है।
इस बाबत पूछे जाने पर हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि उन्होंने गंगा किनारे करीब पांच हजार वर्ग फीट जमीन स्वयं खरीदी है और उस पर निर्माण करा रहे हैं। निर्माण को नक्शा पास कराने या फिर अन्य किसी भी तरह की अनुमति की बात से उन्होंने इंकार किया। कहा कि क्षेत्र में अधिकांश निर्माण बिना नक्शे के ही होते हैं, इसलिए उन्होंने भी बिना नक्शा पास कराए ही उक्त निर्माण कराया है।
गंगा किनारे बन गई कालोनी
गाजीवाला में मुख्य गंगा के ठीक किनारे पर भू-माफिया ने एनजीटी और हाईकोर्ट की रोक को धता बताते हुए कालोनी निर्मित कर ली है, जहां रोक के बावजूद बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं। कुछ ने तो यहां बड़े पैमाने पर प्ला¨टग कर ली है। एचआरडीए ने इन पर भी नजर टेढ़ी कर ली है, एचआरडीए सचिव केके मिश्रा का कहना है कि ऐसी शिकायतें सामने आईं है, इनकी जांच कराई जा रही है। जल्दी ही नियमानुसार इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
बाढ़ का खतरा बता सरकारी खर्च पर पे¨चग कराने का आरोप
क्षेत्र में प्ला¨टग निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों और भू-माफिया पर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा दिखाकर गंगा किनारे बड़े पैमाने पर सरकार धन से मजबूत पे¨चग कराने के बाद क्षेत्र में खाली पड़ी कृषियोग्य जमीन का भू-इस्तेमाल बदलवा कर पहले वहां बड़े पैमाने पर प्ला¨टग की गई और उसके बाद निर्माण, जबकि यह सब एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार प्रतिबंधित है।