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दान के भरोसे जानवर के काटे का इलाज

जागरण संवाददाता हरिद्वार जिला अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन की भारी कमी है। जानवरों के क

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:20 AM (IST)
दान के भरोसे जानवर के काटे का इलाज
दान के भरोसे जानवर के काटे का इलाज

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिला अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन की भारी कमी है। जानवरों के काटे मरीजों का इलाज बामुश्किल दान से मंगाए इंजेक्शन और दवा के सहारे किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उच्चस्तर से ही एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। नतीजतन, अस्पताल प्रबंधन को इसके लिए आम लोगों का सहयोग लेना पड़ रहा है। हालांकि, मरीजों की आवश्यकता के मद्देनजर तमाम मौकों पर अस्पताल स्टाफ अपनी जेब से इनका इंतजाम करता है। अस्पताल के सीएमएस कार्यवाहक डा. राजेश गुप्ता इसकी पुष्टि करते हैं। उन्होंने बताया काफी लोग मरीजों की जरूरत के मुताबिक दवा-इंजेक्शन का दान कर जाते हैं, जिसका इस्तेमाल फिलवक्त अस्पताल आने वाले जानवरों के काटे के मरीजों के इलाज में किया जा रहा है।

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जिला अस्पताल में कुत्ते-बंदर के काटे का इलाज कराने रोजाना के स्तर पर 12 से 15 मरीज आते हैं। हरिद्वार में इन दिनों बंदरों का सर्वाधिक आतंक है। कुत्ते और बंदर के काटे मरीजों के इलाज के लिए एंटी रैबीज इंजेक्शन की डोज लगवाना अनिवार्य है। हरिद्वार जिला अस्पताल में इसकी हर वक्त कमी बनी रहती है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल आने वाला पीड़ित इन्हें लगवाने के लिए सिफारिश अपने साथ लेकर आता है। फिलवक्त तो यह अस्पताल के स्टाक में हैं ही नहीं, इससे पहले सीएमएस ने स्वयं अपने खर्च से 100 इंजेक्शन मंगाए थे। सोमवार को मात्र 10 मरीजों को इंजेक्शन लगने के साथ ही वह भी समाप्त हो गए। इंजेक्शन के अभाव में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अपनी बेटी के इलाज को आए कनखल निवासी शंकर ने बताया कि उनकी बेटी रिचा को बंदर ने काट लिया था, जिसके चलते उसे इंजेक्शन लगाने के लिए जिला अस्पताल आया हूं, मगर यहां इंजेक्शन खत्म हो चुके है। उनका कहना था कि कभी यहां इंजेक्शन नहीं होते तो कभी दवा नहीं मिलती है। इससे हम जैसे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

सीमएस डॉ. राजेश गुप्ता ने मरीजों की परेशानी को स्वीकार कर बताया कि दान में मिले एंटी रैबीज के 10 इंजेक्शन मरीजों के लगाने के साथ ही अस्पताल में इनकी उपलब्धता समाप्त हो गई। उन्होंने बताया कि सरकारी स्तर पर यह ऊपर से उन्हें प्राप्त नहीं हो रहे। इसके चलते जो लोग अपने सेवाभाव के चलते दान कर रहे हैं, उनसे काम चलाया जा रहा है। उन्होंने अस्पताल आए तमाम लोगों से व्यवस्था और आवश्यकता देखते हुए लोगों से सेवा भावना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की सहायतार्थ अधिक से अधिक दान करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्याएं समय-समय पर आती रहती है, जिनका जल्द से जल्द समाधान भी किया जाता है। वर्तमान में भी अस्पताल में जिन भी चीजों का अभाव है, विभाग स्तर से उनकी जल्द ही पूर्ति की जाएगी।


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