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लापरवाही पर आपदा प्रबंधन में दर्ज होगा मुकदमा

शिक्षा विभाग दो नवंबर से स्कूल खुलवाने जा रहा है। विद्यालय के प्रधानाचार्य को ही विद्यालय का नोडल अधिकारी बनाया गया है। वहीं विद्यालयों को स्वयं ही इसके लिए एसओपी तैयार करनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:49 PM (IST)
लापरवाही पर आपदा प्रबंधन में दर्ज होगा मुकदमा
लापरवाही पर आपदा प्रबंधन में दर्ज होगा मुकदमा

संवाद सहयोगी, रुड़की: शिक्षा विभाग दो नवंबर से स्कूल खुलवाने जा रहा है। विद्यालय के प्रधानाचार्य को ही विद्यालय का नोडल अधिकारी बनाया गया है। वहीं, विद्यालयों को स्वयं ही इसके लिए एसओपी तैयार करनी होगी। इस मामले में लापरवाही पर आपदा प्रबंधन के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि शासन के निर्देश पर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। इसको लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। कक्षा बच्चों के बीच उचित शारीरिक दूरी रखी जाएगी। साथ ही, बच्चों को संख्या के आधार पर पालियों में बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभिभावक विभाग की जिम्मेदारी पर बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों की है। इसलिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसमें कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। यदि कहीं पर भी कोई लापरवाही नजर आती है तो इसमें सीधे आपदा प्रबंधन के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। स्कूलों को तीन दिन के भीतर अपने स्तर पर एसओपी तैयार करनी है। विद्यालयों को प्रवेश द्वार, नोटिस बोर्ड में इस एसओपी को चस्पा करना होगा।

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एसओपी मुख्य बिदु

-कक्षा में शारीरिक दूरी

-विद्यालय गेट पर सेनिटाइजेशन

-अनिवार्य रुप से मास्क लगाया जाना

-क्वारंटाइन परिसर स्थापना

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कक्षा में पूरे समय रहेंगे शिक्षक

रुड़की: केंद्रीय विद्यालय नंबर-1 के प्राचार्य वीके त्यागी ने बताया कि विद्यालय ने एक एसओपी तैयार की है। इसके तहत कक्षा में केवल 12 छात्र ही बैठेंगे। विद्यालय गेट पर ही उनके हाथों को सैनिटाइज कराया जाएगा। साबुन से हाथ धुलवाएं जाएंगे। दो पालियां बनाई गई हैं। ढाई-ढाई घंटे की यह पाली होगी। इसमें ब्रेक नहीं दिया जाएगा। एग्जाम की तरह से बच्चों की सीट निर्धारित होगी। बच्चे खाना और पानी घर से लाएंगे। सीट पर ही उन्हें 10 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा। सभी के लिए फेस मास्क अनिवार्य होगा। पेयजल के स्थान पर गोले बनाए जाएंगे। ताकि बच्चों में दूरी बनाकर रखी जा सके। एक-एक कर बच्चों को की छुट्टी की जाएगी।


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