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स्टेट रैंकिग बरकरार, राष्ट्रीय रैंकिग गिरी

धर्मनगरी इस साल भी स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 08:44 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:44 PM (IST)
स्टेट रैंकिग बरकरार, राष्ट्रीय रैंकिग गिरी
स्टेट रैंकिग बरकरार, राष्ट्रीय रैंकिग गिरी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: धर्मनगरी इस साल भी स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश में पांचवें स्थान पर रही। शहर की स्टेट रैंकिग तो बरकरार है, लेकिन राष्ट्रीय रैकिग में गिरावट चिता का विषय है। बीते साल की तुलना में हरिद्वार की रैंकिंग 41 पायदान नीचे गिरकर 285 पर पहुंच गई है। रैंकिग में सुधार न आने की वजह वर्षभर सफाई आदि को लेकर होने वाली सियासत भी मानी जा रही है।

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स्वच्छ सर्वेक्षण के पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 में हरिद्वार नगर निगम प्रदेश की स्वच्छता रैकिग में दूसरे स्थान पर था। 2019 में चौथे और 2020 में यह पांचवें पायदान पर पहुंच गया। इस साल भी रैंकिग पांचवीं ही रही। बात राष्ट्रीय रैंकिग की करें तो 2019 में हरिद्वार नगर निगम 376वें स्थान पर था। 2020 में स्थिति कुछ सुधरी और हरिद्वार 244वें स्थान पर आया। उम्मीद बीते साल के मुकाबले राष्ट्रीय रैंकिग में सुधार की थी, लेकिन राष्ट्रीय रैंकिंग 285 पर जा पहुंची। रैंकिग न सुधरने की वजह वर्षभर सफाई आदि को लेकर होने वाली सियासत को माना जा रहा है। सफाई व्यवस्था पटरी पर लाने के बजाय जिम्मेदार, आरोप-प्रत्यारोप को ही अपनी जनता के प्रति जवाबदेही समझते हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी नौटंकी में पिस रही है तो केवल शहर की जनता। भाजपाई जहां कांग्रेसी महापौर पर अपनी जिम्मेदारियों का भलीभांति निर्वहन न करने का तो महापौर और उनके समर्थक शहरी विकास मंत्री और नगर निगम अधिकारियों पर सहयोग न करने का आरोप मढ़ते रहे हैं। हालांकि कूड़ा उठान और निस्तारण को लेकर पिछले कुछ समय से जिम्मेदारों ने गंभीरता दिखाई है। अब कोशिश अगले वर्ष बेहतर प्रदर्शन की रहेगी।

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सफाई व्यवस्था में सुधार को लेकर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं। व्यवस्था दुरुस्त करने को अधिकारियों को समय-समय निर्देश भी दिए जाते हैं। कुछ तो कमियां रही होंगी, जिससे रैंकिग नहीं सुधरी। सुधार की गुंजाइश है, जिसके लिए प्रयास जारी हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो कोशिश हरिद्वार नगर निगम को पहले स्थान पर लाने की होगी।

अनिता शर्मा, महापौर, हरिद्वार

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स्वच्छ सर्वेक्षण मार्च से जुलाई तक का है। अगस्त से बाद सभी वार्डों से वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का उठान और निस्तारण कराया जा रहा है। आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम अच्छे आएंगे। रैंकिग निस्संदेह सुधरेगी।

दयानंद सरस्वती, नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार


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