हरिद्वार में मक्के में लगी सुंडी ने बढ़ाई किसानों की परेशानी Haridwar News
किसानों की ओर से हरे चारे और मक्का तैयार करने के लिए बोई गई मक्के की फसल में लगी सुंडी ने किसानों के होश उड़ा दिए हैं। सुंडी के चलते मक्के की फसल नष्ट हो जा रही है।
हरिद्वार, जेएनएन। किसानों की ओर से हरे चारे और मक्का तैयार करने के लिए बोई गई मक्के की फसल में लगी सुंडी ने किसानों के होश उड़ा दिए हैं। सुंडी के चलते मक्के की फसल नष्ट हो जा रही है। वहीं कृषि विशेषज्ञ फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दे रहे हैं।
पथरी, धनौरी, बिशनपुर, तेल्लीवाला उर्फ शिवदासपुर, घिस्सूपुरा, धनपुरा, रानीमाजरा, कटारपुर, अजीतपुर आदि गांवों में किसानों की ओर से मक्के की फसल बोई गई है। कुछ किसानों की ओर से मक्के की फसल तैयार करने के लिए बुआई की गई है तो कुछ किसानों ने हरे चारे के लिए बुआई की है। लेकिन, फसल निकलते ही सुंडी का प्रकोप बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि मक्के के पौधे निकलते ही सुंडी उन्हें खाने लगती है, जिससे पौधा सूख रहा है।
किसान अतुल चौहान, सुरेश चंद, रविंद्र सैनी, पंकज चौहान आदि ने बताया कि मक्के की फसल महज 40 दिन की होती है, लेकिन सुंडी के चलते फसल को तैयार होने का समय नहीं मिल पा रहा है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी के प्रभारी डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि किसान डाइमैथोएट 30 ईसी दवा को डेढ़ से दो एमएल प्रति लीटर के हिसाब से पानी में मिलाकर स्प्रे करें, इससे सुंडी खत्म हो जाएगी। बताया कि तापमान बढ़ने से सुंडी का असर कम हो जाएगा, लेकिन फिर भी किसान एहतियात के तौर पर दवा का छिड़काव जरूर कर दें।
अज्ञात रोग की चपेट में गन्ने की फसल
झबरेड़ा में गन्ने की फसल अज्ञात रोग की चपेट में आ गई है। ऐसे में किसान परेशान है। कीड़ा लगने के बाद पौधे खुद ब खुद सूख जा रहा है। अब मिल प्रबंधन किसानों को कीटनाशक उपलब्ध करवा रहा है। इस समय किसान गन्ने की फसल में निराई-गुड़ाई कर रहे हैं। इसी बीच गन्ने की फसल में अज्ञात रोग लग गया है। किसान भोला सैनी, राजपाल सिंह, रघुवीर, कुलदीप ने बताया कि पौधे की पत्तियों पर सफेद धरियां बन जा रही हैं। इसके बाद पूरा पौधा सूख जा रहा है।
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इस बारे में किसानों ने मिल प्रबंधन से मांग उठाई कि वह किसानों को कीटनाशक उपलब्ध कराए। इस पर इकबालपुर चीनी मिल के प्लांट हेड सुरेश शर्मा का कहना है कि इस बार मिल प्रबंधन किसानों को कीटनाशक उपलब्ध करा दे रहा है। किसानों को चाहिए कि कीटनाशक का छिड़काव करें। छिड़काव से पहले खेत की सिंचाई जरूर कर दें। मिल प्रबंधन की ओर से कुछ कर्मचारियों को फील्ड में भी तैनात किया गया है।
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