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लॉकडाउन में भी बिचौलियों की मौज, सस्ती दरों में खरीद रहे सब्जी; किसान परेशान

लॉकडाउन में भी मंडी में बिचौलियों की मौज है। किसान का खीरा दो रुपये किलो लौकी कद्दू पांच रुपये किलो करेला दो रुपये किलो बिक रहा हैं। आम ग्राहक तक सब्जियां महंगी बिक रही हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 10:08 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 10:08 AM (IST)
लॉकडाउन में भी बिचौलियों की मौज, सस्ती दरों में खरीद रहे सब्जी; किसान परेशान
लॉकडाउन में भी बिचौलियों की मौज, सस्ती दरों में खरीद रहे सब्जी; किसान परेशान

रुड़की, जेएनएन। लॉकडाउन में भी मंडी में बिचौलियों की मौज है। किसान का खीरा दो रुपये किलो, लौकी, कद्दू पांच रुपये किलो, करेला दो रुपये किलो बिक रहा हैं। कई बार तो किसान सब्जियों को मंडी में ऐसे ही दे आ रहे हैं, लेकिन आम ग्राहक तक सब्जियां आज भी महंगी दरों पर बिक रही हैं।

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दिल्ली की आजादपुर मंडी बंद है। इसकी वजह से रुड़की से लौकी, कदूद्, खीरा एवं करेला नहीं जा पा रहा है। इसी तरह से देहरादून की मंडी में भी सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में किसान रुड़की एवं भगवानपुर की मंडी में ही स्थानीय सब्जियों को लेकर पहुंच रहे हैं। यहां पर भी किसानों को परेशानी का ही सामना करना पड़ रहा है। 

दरअसल मंडी में बिचौलिये मांग न होने की बात कहकर किसानों को वाजिब दाम नहीं दे रहे हैं। सब्जी उत्पादक रामपाल सैनी, इरशाद, सुलेमान, वहिद आदि ने बताया कि मंडी में खीरे के भाव दो रुपये किलो से भी कम रहे। इसके अलावा लौकी, कद्दू पांच रुपये किलो, करेला दो रुपये किलो बिक रहा है। यही हाल शिमला मिर्च एवं तुरई का भी है।

सब्जी उत्पादकों ने बताया कि खेत से सब्जी की तुड़ाई एवं मंडी तक लाने में जो भाड़ा खर्च हो रहा है, वह भी नहीं मिल पा रहा है। जबकि आम ग्राहक को सब्जियां महंगी मिल रही है। इन तमाम सब्जियों के दाम 15 से 20 रुपये किलो हैं। 

इस संबंध में मंडी सचिव एके जोशी ने बताया कि दाम पर मंडी का नियंत्रण नहीं है। किसान किसी को भी सब्जी बेच सकते हैं। इस समय सब्जियों की डिमांड भी कम हैं।

अटक गया किसानों का दो साल का भुगतान

इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े 16 हजार किसानों का दो साल के गन्ने का बकाया अटक गया है। चीनी मिल की ओर से थोड़ी ही चीनी की बिक्री हो सकती है। डीएम ने इस मामले में 15 जून को अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का पेराई सत्र 2017-18, 2018-19 का डेढ़ सौ करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। यह मामला न्यायालय में गया। न्यायालय की ओर से प्रशासन को आदेश दिया कि चीनी को नीलाम कराकर किसानों के गन्ने का भुगतान कराया जाए। 

प्रशासन की ओर से चीनी की नीलामी की प्रक्रिया की गई, लेकिन खरीददार ही नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मिल प्रबंधन ने अदालत को बताया कि उसके पास चीनी के ग्राहक है वह चीनी बेचकर किसानों का भुगतान कर देगा। इस पर अदालत ने चीनी बेचकर एसडीएम भगवानपुर एवं सहायक गन्ना आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होने वाले खाते में धनराशि डालने के आदेश दिए। 

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उप जिलाधिकारी भगवानपुर संतोष कुमार पांडे ने बताया कि चीनी मिल बहुत कम चीनी की ही बिक्री करा पाया है। मिल प्रबंधन का कहना था कि पहले लॉकडाउन हो गया था। अब बाजार में चीनी की मांग बेहद कम है। इसलिए चीनी नहीं बिक पा रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में डीएम ने एक बैठक बुलाई है।

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