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हल्द्वानी,,,सिटी,,,महापौर की बढ़ी मुश्किलें, शासन से नोटिस जारी

संवाद सहयोगी रुड़की नगर आयुक्त के वित्तीय अधिकारों में हस्तक्षेप करने के मामले में नगर ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 08:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 08:23 PM (IST)
हल्द्वानी,,,सिटी,,,महापौर की बढ़ी मुश्किलें, शासन से नोटिस जारी
हल्द्वानी,,,सिटी,,,महापौर की बढ़ी मुश्किलें, शासन से नोटिस जारी

संवाद सहयोगी, रुड़की: नगर आयुक्त के वित्तीय अधिकारों में हस्तक्षेप करने के मामले में नगर निगम रुड़की के महापौर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शासन ने महापौर को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है। झबरेड़ा विधायक की ओर से पांच बिदुओं पर की गई शिकायत में दो बिदुओं पर महापौर दोषी पाए गए हैं। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी से यह जांच कराई थी। वहीं महापौर का कहना है कि मामला छह माह पुराना है। इस मामले में वह अपना पक्ष रखेंगे।

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झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने पिछले साल नवंबर में शहरी विकास विभाग को नगर निगम रुड़की के महापौर गौरव गोयल के खिलाफ पांच बिदु का शिकायती पत्र भेजा था। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपर जिलाधिकारी बीके मिश्रा को मामले की जांच के निर्देश दिए थे। जांच अधिकारी ने नगर निगम पहुंचकर मामले की जांच की थी, जिसमें उन्होंने महापौर का पक्ष भी लिया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि महापौर ने नगर आयुक्त को भुगतानों से पहले उनकी अनुमति लिए जाने के लिए निर्देशित किया है। नगर आयुक्त के पास वित्तीय अधिकार होते हैं। इसके लिए महापौर की अनुमति जरूरी नहीं होती है। इसी के चलते महापौर के इस निर्देश को शासनादेश का उल्लंघन माना गया है। अभियंताओं को भी महापौर ने निर्देश दिए थे कि उनके संज्ञान में लाए बिना एमबी बनाई जाती है, तो अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। महापौर ने रजिस्टर अभिलेखों में कटिग करने की बात को भी वित्तीय अनियमितता नहीं होना बताया गया है। यही नहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत किए जा रहे निर्माण कार्य के उद्घाटन में क्षेत्रीय विधायक को नहीं बुलाए जाने को भी शासनादेश का उल्लंघन माना गया है। शहरी विकास विभाग के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने 13 जुलाई को महापौर गौरव गोयल को विधायक की शिकायत के इन बिदुओं पर आई जांच रिपोर्ट पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया कि महापौर शासनादेश का उल्लंघन किए जाने पर प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए हैं। 15 दिन के भीतर वह अपना लिखित स्पष्टीकरण उपलब्ध करा दें। यदि स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो यह समझा जाएगा कि उक्त प्रकरण में उन्हें कुछ नहीं कहना है। इसके बाद उपलब्ध तथ्यों के आधार पर नगर निगम अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। महापौर गौरव गोयल का इस संबंध में कहना है कि मामला छह माह पुराना है। पहले भी यह जांच हो चुकी है। वह इस मामले में अपना पक्ष रख चुके हैं। शासन की ओर से दिये गए नोटिस का वह संतोषजनक जवाब देंगे।


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