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एनजीटी को भयानक जानवर कहने पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के खिलाफ कोर्ट जाएगा मातृसदन, पढ़ें...

स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी के एनजीटी की तुलना भयानक जानवर करने के बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष ने स्‍वास्‍‍थ्य मंत्री के खिलाफ न्यायालय जाने की बात कही।

By Thakur singh negi Edited By: Published: Wed, 01 Jun 2016 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jun 2016 05:35 PM (IST)
एनजीटी को भयानक जानवर कहने पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के खिलाफ कोर्ट जाएगा मातृसदन, पढ़ें...

हरिद्वार। स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी के एनजीटी की तुलना भयानक जानवर करने के बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ न्यायालय जाने व कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि सरकार खनन व चुगान में अंतर बताए।
आज जगजीतपुर कनखल स्थित आश्रम में आयोजित पत्रकार वार्ता में मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी पर निशाना साधा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के एनजीटी को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि संवैधानिक बॉडी को भयानक जानवर कहना निंदनीय है।

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स्वामी शिवानंद ने कहा कि इस बाबत राज्यपाल एवं एनजीटी को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा में किसी भी सूरत में खनन व चुगान नहीं हो सकता है। कहा कि स्वास्थ्य मंत्री नेगी को जनमत संग्रह कर खनन का पक्ष एवं विरोध करने वाले पक्ष को सुनना था। मगर 27 व 31 मई को सिर्फ खनन की पैरवी करने वालों को सुनना कई सवाल खड़े कर रहा है।

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आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 31 मई को सीसीआर में खनन की पैरवी साधु संतों ने की, जो निंदनीय है। कहा कि शासन-प्रशासन तय करें कि कौन साधु संत है। कपड़े पहनने से कोई साधु संत नहीं बन जाता है। उन्होंने कहा कि बैठक में बुलाए गए साधु संत की लिस्ट भी उन संत ने बनाई, जहां सीएम रावत आशीष लेने जाते हैं।
शिवानंद ने कहा कि खनन की पैरवी करने वाले साधुसंत जिन अखाड़ों से जुड़े हैं, उनके अखाड़े खनन को लेकर मंतव्य स्प्ष्ट करें। अन्यथा मातृसदन संपूर्ण देश में उक्त साधु संतों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा। आरोप लगाया कि धर्म की रक्षा को बने अखाड़े ही धर्म को नष्ट करने का काम कर रहे हैं। कहा कि खनन की पैरवी करने वाले साधु संत खुद कब्जा की गई बैरागी कैंप की भूमि में निवास करते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट के कब्जा हटाने के आदेश हैं।

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गंगाजल को डाक से मंगाने का विरोध करता हूं

स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि वे गंगा को डाक से मंगाने की योजना का पूर्णरूप से विरोध करते हैं। लेकिन कुछ लोग गंगा के नीचे के पत्थर उठाकर बेच रहे हैं। यह पत्थर शौचालयों में लग रहे हैं, लेकिन कोई इसका विरोध नहीं करता। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कहां गए पंडे पुरोहित एवं साधु संत जो गंगा के नीचे के पत्थर उठाने का विरोध नहीं करते हैं।
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