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उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरि को किया यूपी पुलिस के हवाले, खुद की हत्या की जता रहे आशंका

श्री महंत नरेंद्र गिरि के निधन मामले में पुलिस उनके शिष्य आनंद गिरि के श्यामपुर कांगड़ी(हरिद्वार) स्थित आश्रम में पहुंची है। बताया जा रहा है कि एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय और श्यामपुर थाना इंचार्ज अनिल चौहान आश्रम के अंदर हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:40 PM (IST)
उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरि को किया यूपी पुलिस के हवाले, खुद की हत्या की जता रहे आशंका
महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरि के आश्रम में पहुंची पुलिस।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Mahant Narendra Giri Death Case खिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के निधन मामले में उनके शिष्य स्वामी आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन्हें श्यामपुर कांगड़ी स्थित उनके आश्रम में ही रखा गया है। आश्रम के बाहर और भीतर पुलिस बल तैनात है। आनंद गिरि को पुलिस अधिकारियों ने अपनी निगरानी में रखा हुआ है। इधर, देर रात उत्तर प्रदेश की देवबंद पुलिस हरिद्वार पहुंची और आनंद गिरि को जिला अस्पताल ले गई, जहां उनका मेडिकल कराया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस आनंद गिरि को लेकर रवाना हो गई।

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सोमवार शाम श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत की घटना सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने हरिद्वार पुलिस से संपर्क साधकर स्वामी आनंद गिरि के संबंध में जानकारी हासिल की। इसके बाद हरकत में आई पुलिस आनंद गिरि के आश्रम में पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि आनंद गिरि को लेने के लिए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पुलिस क्षेत्राधिकारी देवबंद के नेतृत्व में पुलिस टीम देर रात हरिद्वार पहुंची। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया गया है। आनंद गिरि के आश्रम को पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है।

आनंद गिरी ने जताई हत्या की आशंका

उधर दूसरी तरफ आनंदगिरी ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। कहा कि श्री महंत नरेंद्र गिरि से दुश्मनी रखने वाले लोग अब उनकी हत्या कर सकते हैं। उन्होंने मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। आनंदगिरि ने यह भी कहा कि बाघम्बरी गद्दी और श्रीमहंत नरेंद्र गिरि से जुड़े ऐसे लोगों की जांच होनी चाहिए, जिन्होंने ब्रह्रमचारी और संत जीवन जीते हुए भी अरबों की सपंदा खड़ी कर ली है।

बाघम्बरी मठ को लेकर हुआ था विवाद

हरिद्वार कुंभ के बाद श्री महंत नरेंद्र गिरि का अपने शिष्‍य आनंद गिरि से श्री बाघम्बरी मठ की गद्दी को लेकर विवाद हो गया था। आनंद गिरि ने उन पर गंभीर आरोप लगाये थे। इसके बाद श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें बाघम्‍बरी गद्दी से हटा दिया था। यही नहीं, इसके बाद निरंजनी अखाड़े ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कुछ समय बाद माफी मांगने पर श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें शिष्‍य तो स्वीकार कर लिया था, लेकिन बाघम्‍बरी गद्दी और निरंजनी अखाड़े में उनके प्रवेश की राह नहीं खोली थी।

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