संत की कलम से : कुम्भ पर्व सनातन हिंदू संस्कृति का महासंगमः महंत स्वामी स्वयमांनंद परमहंस
कुंभ पर्व सनातन हिंदू संस्कृति का एक स्थान पर आयोजित होने वाला महासंगम हैं। जिसमें आकर विभिन्न विचारधाराओं का समावेश होता है। जिससे अमृत स्वरूप नया विचार निकलता है। समरसता का भाव हमे कुंभ मेले में देखने को मिलता हैं। 11 मार्च महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान होगा।
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ पर्व सनातन हिंदू संस्कृति का एक स्थान पर आयोजित होने वाला महासंगम हैं। जिसमें आकर विभिन्न विचारधाराओं का समावेश होता है। जिससे अमृत स्वरूप नया विचार निकलता है। समरसता का भाव हमे कुंभ मेले में देखने को मिलता हैं। हरिद्वार में 11 मार्च महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान होगा। जिसमें एक साथ एक ही घाट पर गरीब, अमीर, और चारों वर्णो के लोग स्नान करेंगे। अपनी भावनाओं के अनुरूप पुण्य प्राप्त करेंगे। संतों की कृपा से कुंभ दिव्य भव्य ही नहीं पारंपरिक स्वरूप में भी होगा। लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा पुण्य के भागी बनेंगे। मेरा तो यह मानना है कि इस कुंभ मेले में हमे निशक्तजनो को संबल प्रदान करने का संकल्प लेना चाहिए।
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दिव्यांगजनों के लिए आपका किया गया प्रयास किसी को व्हिल चेयर तो किसी को बैशाखी के रुप में सहारा प्रदान करेगा। जैसे हमारे गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी अजरानंद महाराज ने नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए विद्यालय स्थापित किया। जिससे नेत्रहीन दिव्यांगो के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैला। महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने अजरानंद अंध विद्यालय को हाई स्कूल तक किया और सामान्य बच्चों के लिए विद्यालय के द्वार खोले। अब तक हजारों विद्यार्थी पढ़कर आत्मनिर्भर हो चुके हैं।
[महंत स्वामी स्वयमांनंद परमहंस परमाध्यक्ष स्वामी अजरानंद महिला आश्रम ट्रस्ट एवं स्वामी अजरानंद अंध विद्यालय हरिद्वार]