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- हिमालयी पक्षी खंजन को रास आ रहे गंगा तट

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शीतकाल प्रवास के लिए हिमालयी पक्षी खंजन ने मैदानी क्षेत्रों का रुख कर

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 08:55 PM (IST)
- हिमालयी पक्षी खंजन को रास आ रहे गंगा तट
- हिमालयी पक्षी खंजन को रास आ रहे गंगा तट

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शीतकाल प्रवास के लिए हिमालयी पक्षी खंजन ने मैदानी क्षेत्रों का रुख कर लिया है। हरिद्वार में राजाजी नेशनल पार्क से लेकर गंगा तट से जुड़े तमाम क्षेत्रों में खंजन बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। खंजन अपनी खूबसूरत आंखों के कारण जाने जाते हैं। इनकी खूबसूरती को तुलसीदास से लेकर मैथलीशरण गुप्त ने भी अपनी रचनाओं में स्थान दिया है।

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गुरुकुल कांगड़ी विवि में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर व सुप्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक प्रो. दिनेश भट्ट हरिद्वार जिले के वातावरण को हिमालयी पक्षियों के अनुकूल बताते हैं। उनकी मानें तो खंजन की तीन प्रजातियां माइग्रेटरी होती हैं। यह हर साल लेह-लद्दाख, कश्मीर, कुल्लू-मनाली, नीति, माणा जैसे पर्वतीय क्षेत्रों से शीतकालीन प्रवास पर मैदानी क्षेत्रों में आती हैं। फिर, वसंत ऋतु में यह वापस हिमालयी क्षेत्रों में चली जाती हैं। खंजन पक्षी को अंग्रेजी में वैगटेल कहते हैं। यह अपनी लंबी दुम, स्लेटी पीठ, पीले पेट और बार-बार दुम ऊपर-नीचे गिराने व उठाने के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। पक्षी वैज्ञानिक की मानें तो उनकी याद्दाश्त इतनी तेज होती है कि वो प्रतिवर्ष शीत प्रवास के लिए एक ही स्थान को चुनती हैं। बायो अकाउस्टिक लेबोरेट्री के शोध छात्र रॉबिन राठी, आशीष आर्य, पारूल बताते हैं कि इन दिनों खंजन की एक प्रजाति को गाते हुए आसानी से सुना जा सकता है। इन दिनों ये पक्षी जिले में गंगा तटों पर नजर आ रहे हैं।


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