Kartik Purnima 2020: बाहरी श्रद्धालुओं की नो एंट्री, सीमित संख्या में स्थानीयों ने लगाई आस्था की डुबकी; तस्वीरें
Kartik Purnima 2020 कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक के चलते हरकी पैड़ी के गंगा घाटों पर ज्यादा रौनक नजर नहीं आई। यहां कुछ स्थानीय श्रद्धालु ही नजर आए। दरअसल हर साल धर्मनगरी में कार्तिक पूर्णिमा पर बाहर से बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते थे।
हरिद्वार, जेएनएन। Kartik Purnima 2020 हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक के चलते हरकी पैड़ी के गंगा घाटों पर ज्यादा रौनक नजर नहीं आई। यहां कुछ स्थानीय श्रद्धालु ही नजर आए। दरअसल, हर साल धर्मनगरी में कार्तिक पूर्णिमा पर बाहर से बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिले की सीमाओं को सील कर दिया था, जिससे बाहरी राज्यों के श्रद्धालु यहां प्रवेश न कर पाए।
कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र स्नान पर इस बार गंगा घाटों पर रौनक नजर नहीं आई। हर साल इस दिन श्रद्धालुओं से भरे इन घाटों पर कोरोना संक्रमण का असर साफ नजर आया। जहां एक ओर बाहरी श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है तो वहीं घाटों पर मौजूद कुछ स्थानीय श्रद्धालुओं, तीर्थ पुरोहितों और यात्रियों से दो गज दूरी का पालन कराते हुए मास्क भी लगवाए जा रहे हैं। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि घाटों पर जो भी मौजूद हैं उनसे कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन कराया जा रहा है।
वाहनों को लौटाया गया
वहीं, भगवानपुर के काली नदी चौकी और मंडावर चौकी बॉर्डर पर वाहनों का आना लगातार जारी है, लेकिन पुलिस ने उन्हें बॉर्डर से ही लौटाना शुरू कर दिया है। बताया गया कि काली नदी चौकी से 74 वाहन और मंडावर चौकी क्षेत्र से 53 वाहनों को वापस लौटाया गया है। मंडावर चौकी इंचार्ज मनोज ममगाईं ने बताया कि वाहनों का आना जारी है, लेकिन जो वाहन हरिद्वार स्नान के लिए जा रहे हैं उन्हें बॉर्डर से ही वापस लौटाया जा रहा है।
आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक का साधु-संतों, गंगा सभा, व्यापारी संगठन, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया था। इस बीच कुछ लोग अन्य प्रदेशों से भी एक दिन पहले हरिद्वार पहुंच गए थे। सोमवार को हरकी पैड़ी पर सुबह से ही कार्तिक पूर्णिमा का स्नान चल रहा है, लेकिन घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम है।
वे नियमों का पालन करते हुए गंगा स्नान करते दिखाई दिए। आपको बता दें कि पिछले साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर 25 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते और जिला प्रशासन की रोक की वजह से संख्या बहुत कम है।