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Kanwar Yatra 2021: कांवड़ यात्रियों से अखाड़ा परिषद की अपील, घर में रहकर धार्मिक रूप से करें परंपराओं का पालन

Kanwar Yatra 2021 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सभी कांवड़ यात्रियों और शिव भक्तों से उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा शुरू नहीं करने का अनुरोध किया है। साथ ही कांवड़ियों से घर पर रहकर ही प्रतीकात्मक रूप से परंपराओं के पालन की अपील की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 03:11 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:17 PM (IST)
Kanwar Yatra 2021: कांवड़ यात्रियों से अखाड़ा परिषद की अपील, घर में रहकर धार्मिक रूप से करें परंपराओं का पालन
कांवड़ यात्रियों से अखाड़ा परिषद की अपील।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Kanwar Yatra 2021 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कांवड़ यात्रा पर रोक का समर्थन किया है। उन्होंने शिवभक्तों से कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे के मद्देनजर कांवड़ यात्रा ना करने और अपने घरों में सीमित दायरे में कांवड़ की मर्यादा और धार्मिक परंपराओं के पालन का आह्वान किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी कावड़ यात्रा आरंभ ना करने का अनुरोध किया है, कहा कि इससे वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी खतरे में डाल देंगे।

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शनिवार को जारी अपने बयान में श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर रोक का उत्तराखंड सरकार का फैसला सही है। क्योंकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा सामने है। ऐसे में कांवड़ मेला व यात्रा स्थगित किया जाना लोकहित और जनहित में सही है। श्रीमहंत ने कहा कि जनता की प्राण रक्षा करना भी सरकार का प्रथम दायित्व है।

श्री महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि यद्यपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक परंपराओं के पालन की बात कही है। लेकिन, कोरोना की तीसरी लहर का खतरा हमें आगाह कर रहा है कि हम अपने घरों में ही रह कर प्रतीकात्मक रूप से अपने धर्म का पालन करें।

असमय ही अखाड़ों ने कुंभ को कर दिया था समाप्त घोषित

हरिद्वार कुंभ के दौरान अप्रैल में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस कारण वह अप्रैल के किसी भी शाही स्नान में शिरकत नहीं कर सके थे। उन्हें इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराना पड़ा था। अप्रैल में हरिद्वार कुंभ के दौरान तकरीबन दो दर्जन पुरुष और महिला संत कोरोना संक्रमण का शिकार हो ब्रह्मलीन हो गए थे।

उस वक्त कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से किए गए आह्वान पर अखाड़ों ने कुंभ को असमय ही समाप्त घोषित कर दिया था। बाकी के स्नान व कुंभ के निमित्त अन्य कर्मकांड को प्रतिकात्मक रूप से अति सूक्ष्म तरीके से संपन्न किया था।

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