रोशनाबाद स्थित बाल गृह से किशोर हुआ फरार, अपहरण का मुकदमा दर्ज
रोशनाबाद स्थित राजकीय बाल गृह से बुधवार रात एक बाल अपाचारी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। बताया जा रहा है कि बाल अपाचारी मौका पाकर फरार हुआ है।
By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 08:19 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। जिला मुख्यालय रोशनाबाद स्थित राजकीय बाल गृह से बुधवार रात एक बाल अपाचारी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। बताया जा रहा है कि बाल अपाचारी मौका पाकर फरार हुआ है। बाल गृह कर्मचारियों ने उसकी तलाश की, लेकिन किशोर का कुछ पता नहीं चला। तब सिडकुल थाने में किशोर के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक वर्ष 2018 में राजकीय बाल गृह अल्मोड़ा से एक किशोर को बाल गृह रोशनाबाद लाया गया था। तभी से किशोर यहां रहता आ रहा था। मंगलवार रात गिनती के दौरान एक किशोर गायब मिला, जिससे हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने आसपास के इलाके में किशोर की तलाश की, लेकिन किशोर का कुछ पता नहीं चला। तब राजकीय संप्रेक्षण ग्रह के सहायक अधीक्षक प्रवीण कुमार ने पुलिस को तहरीर दी।
इसमें बताया गया कि मंगलवार रात साढ़े आठ बजे उन्होंने राजकीय बाल गृह का निरीक्षण किया। किशोर खाना खाने के बाद अपने कक्ष में जा रहे थे। चौकीदार उपेंद्र कुमार और केयरटेकर बबीता से बाल गृह की कुशलता जानकारी मांगने पर उन्होंने एक किशोर के गायब होने की जानकारी दी। सिडकुल थाना प्रभारी एलएस बुटोला ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ किशोर के अपरहण का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसकी तलाश की जा रही है।
जिम्मेदार अधिकारियों पर नहीं होती कार्रवाई
राजकीय बाल गृह से बाल अपाचारी गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल 20 से अधिक बाल अपाचारी खिड़की के रास्ते फरार हो गए थे। इसमें प्रबंधन की लापरवाही काफी हद तक जिम्मेदार है। पुलिस के अनुसार बाल गृह के अधीक्षक अवकाश है। अधीक्षक का चार्ज बाल सुधार गृह के सहायक अधीक्षक प्रवीण कुमार को दिया गया था।
चार्ज इसलिए सौंपा गया था कि व्यवस्था बनी रहेगी, लेकिन लापरवाही के चलते एक किशोर फरार हो गया। किशोर फरार होने की पूर्व की घटनाओं में जांच के नाम पर लीपापोती होती आई है। जिम्मेदारी और जवाबदेही तय न होने के कारण बार-बार घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। शासन प्रशासन को इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। तब कहीं जाकर व्यवस्थाओं में सुधार लाया जा सकता है।
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