नहीं पहुंचा गंगनहर बंदी का लिखित आदेश, अब भी संशय बरकरार
गंगनहर बंदी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारी मंगलवार को पूरे दिन लिखित आदेश के इंतजार में रहे लेकिन आदेश नहीं पहुंचा।
हरिद्वार, जेएनएन। दशहरे की रात से गंगनहर बंदी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारी मंगलवार को पूरे दिन लिखित आदेश के इंतजार में रहे, लेकिन खबर लिखे जाने तक आदेश नहीं पहुंचा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जब तक लिखित आदेश नहीं मिल जाता गंगनहर बंद नहीं की जाएगी।
मरम्मत और सफाई आदि कार्य के चलते हर साल दशहरे से दीपावली तक गंगनहर बंद की जाती है। इस बार विभागीय अधिकारियों ने जहां चार अक्टूबर से गंगनहर बंदी की अनुमति मांगी थी, वहीं हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था गंगा सभा ने दशहरा से दीपावली तक गंगनहर बंद रखने का अनुरोध किया था। हालांकि विभाग को मुख्यालय से लिखित आदेश न मिलने के चलते चार अक्टूबर से गंगनहर बंद नहीं की गई।
इस पर विभागीय अधिकारियों ने वार्षिक बंदी के तहत दशहरे की रात से दीपावली तक यानी आठ से 28 अक्टूबर तक गंगनहर को बंद रखने की बात कही थी। हालांकि इसके लिए भी मुख्यालय से बकायदा लिखित आदेश आता है। मंगलवार दशहरा के पूरे दिन विभागीय अधिकारी मुख्यालय से लिखित आदेश के इंतजार में रहे, लेकिन आदेश नहीं पहुंचा। इस पर गंगनहर बंदी को लेकर फिलहाल ऊहापोह की स्थिति बनी है। एसडीओ विक्रांत कुमार ने बताया कि मुख्यालय से लिखित आदेश मिलने पर भी गंगनहर में पानी रोका जाएगा। बताते चलें कि हरिद्वार से कानपुर तक जाने वाली गंगनहर से न केवल खेतों की प्यास बुझती है, लेकिन दिल्ली समेत कई राज्यों को पानी भी मिलता है।
बंदी के दौरान चलता है मरम्मत कार्य
नहर बंदी के बावजूद हरकी पैड़ी पर गंगाजल की व्यवस्था रखी जाती है। हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा बंदी के दौरान जलस्तर थोड़ा कम रखा जाता है। बंदी के दौरान नहर की मरम्मत आदि कार्य किए जाते हैं। कुंभ 2021 में प्रस्तावित कार्य भी इसी दौरान होने की बात कही जा रही थी। हरकी पैड़ी तक जल धारा लाने के लिए बंधों का निर्माण भी प्रस्तावित था।
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