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शहर में ई-रिक्शा वालों से वसूली का खेल

जागरण संवाददाता हरिद्वार शहर में ई-रिक्शा चालकों से जमकर वसूली की जा रही है। कहीं

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:20 AM (IST)
शहर में ई-रिक्शा वालों से वसूली का खेल
शहर में ई-रिक्शा वालों से वसूली का खेल

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शहर में ई-रिक्शा चालकों से जमकर वसूली की जा रही है। कहीं यूनियन के नाम पर तो कहीं सवारी भरने के नाम पर ज्वालापुर से उत्तरी हरिद्वार तक बड़े पैमाने पर वसूली का खेल चल रहा है। संगठित रूप से चल रहे वसूली के धंधे में कई सफेदपोश और छुटभय्ये शामिल होने के चलते विरोध करने पर रिक्शा चालकों से मारपीट तक की जा रही है। ऐसी शिकायतें लगातार पुलिस तक पहुंच रही हैं, लेकिन वसूली पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

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शहर में करीब 12 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं। ई-रिक्शा को संरक्षण देने के लिए कई पंजीकृत यूनियनें काम कर रही हैं, जबकि कुछ लोग फर्जी यूनियन बनाकर रिक्शा चालकों से सिर्फ और सिर्फ वसूली कर रहे हैं। ज्वालापुर जटवाड़ा से लेकर मध्य हरिद्वार, ललतारौ पुल, चंडी चौक, भूपतवाला व कनखल में कई बड़े स्टॉपेज पर वसूलीबाजों का कब्जा है। वहां से सवारी बैठाने पर ई-रिक्शा वालों को गुंडा टैक्स जरूर भरना होगा। निश्चित रकम वसूलने के लिए कुछ वसूलीबाजों ने बाकायदा रसीदें छपवाई हुई हैं। दबंगई की हद यह है कि ई-रिक्शा चालक इसका विरोध करते हैं, तो उनके साथ मारपीट की जाती है। पैसे नहीं देने पर रिक्शा बंद करने की धमकी तक दी जाती है। कई बार इस बात को लेकर हंगामा हो चुका है। झगड़ा पुलिस की जानकारी तक भी पहुंचा, पर पुलिस ने हल्के में लेते हुए चेतावनी देकर मामला रफा-दफा कर दिया। इसका कारण यह भी है कि वसूली करने वालों के तार कहीं न कहीं सफेदपोश लोगों से जुड़े हैं। रोजाना अच्छी खासी रकम इकट्ठा होने के चलते वसूली के धंधे में छुटभय्ये नेता भी कूद चुके हैं। इनमें कुछ तो ई-रिक्शा चालकों को पुलिस प्रशासन व एआरटीओ से बचाने के नाम पर वसूली कर रहे हैं। जबकि कुछ जबरन दबंगई के बल पर वसूली कर रहे हैं। ई रिक्शा चालक कई बार स्टॉपेज को गुंडा तत्वों से मुक्त कराने की मांग भी कर चुके हैं। शुल्क लेने का अधिकार सिर्फ विभागों को

हरिद्वार: शहर में कहीं पीडब्ल्यूडी तो कहीं सिचाई विभाग की भूमि पर ई रिक्शा खड़े होते हैं। स्टॉपेज विभागों की जमीन पर बने हैं और वहीं से सवारियां बैठाई व उतारी जाती हैं। ऐसे में ई-रिक्शा चालकों से शुल्क वसूलने का हक सिर्फ नगर निगम, पीडब्ल्यूडी या सिचाई विभाग को है। कोई अन्य व्यक्ति उनसे वसूली नहीं कर सकता है।

ई-रिक्शा चालकों की रसीद काटने की शिकायत कई बार मिली है, लेकिन लिखित तहरीर नहीं दी जाती है। कोई व्यक्ति वसूली की लिखित शिकायत देता है तो वसूली करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी थाना कोतवाली की पुलिस को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

कमलेश उपाध्याय, एसपी सिटी हरिद्वार


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