छात्रों को तनाव से दूर रखेंगे आइआइटी के भवन कल्याण वार्डन, जानिए कैसे
आइआइटी रुड़की ने छात्र-छात्राओं की किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान को एक नई पहल की है। इसके तहत प्रत्येक भवन के लिए भवन कल्याण वार्डन नियुक्त किए गए हैं।
रुड़की, हरिद्वार [रीना डंडरियाल]: आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की ने छात्र-छात्राओं की किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान को एक नई पहल की है। इसके तहत प्रत्येक भवन (हॉस्टल) के लिए भवन कल्याण वार्डन नियुक्त किए गए हैं। इनका कार्य छात्रों का मार्गदर्शन करना और उन्हें तनाव से दूर रखना होगा। इसके अलावा संकाय कल्याण सलाहकार का पद भी सृजित किया गया है।
शैक्षणिक, आर्थिक, पारिवारिक व मित्र समूह समेत किसी अन्य प्रकार की परेशानी का हल नहीं निकल पाने की स्थिति में कई बार छात्र-छात्राएं तनाव का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा संस्थान में भिन्न-भिन्न वजहों से छात्रों के तनावग्रस्त होने के मामले भी सामने आते रहते हैं। बीते चार-पांच सालों में संस्थान से अलग-अलग कारणों के चलते नौ से अधिक छात्र बिना किसी को सूचित किए गायब हो चुके हैं। हालांकि, कुछ ही दिनों में सभी छात्र सकुशल लौट भी आए थे। वहीं, बीते 14 महीनों में संस्थान के दो छात्र हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या कर चुके हैं। जबकि, एक छात्र के आत्महत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया था। आत्महत्या करने वालों में एक एमएससी और एक बीटेक तृतीय वर्ष का छात्र था। इन दोनों मामलों में तनाव को ही प्रारंभिक वजह माना जा रहा है।
इसी को देखते हुए संस्थान की ओर से छात्रों को तनाव से मुक्त रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत चार भवन कल्याण वार्डन की नियुक्ति की गई है। ये वार्डन विभिन्न विभागों के फैकल्टी हैं। अब ये प्रत्येक दिन कुछ घंटे इन भवनों में बैठकर छात्र-छात्राओं से उनकी समस्याएं जानने का प्रयास करेंगे। ताकि उनका सही मार्गदर्शन कर समस्याओं का हल निकाला जा सके और छात्र किसी भी कारण से तनाव की चपेट में नहीं आएं। इसके अलावा संकाय कल्याण सलाहकार भी बनाए गए हैं। ये भी छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में सहयोग करेंगे।
आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी के अनुसार संस्थान का प्रयास है कि छात्र-छात्राएं किसी भी वजह से तनावग्रस्त नहीं हों। इसलिए भवनों में भवन कल्याण वार्डन नियुक्त किए गए हैं। छात्र भवन कल्याण वार्डन से अपनी हर प्रकार की समस्याएं साझा कर सकेंगे। इसके लिए छात्रों के सामने समय की कोई बाध्यता नहीं होगी। साथ ही छात्रों को संस्थान में चौबीसों घंटे आनलाइन परामर्श सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा प्रत्येक भवन में नियमित रूप से छात्रों की काउसिलिंग भी की जाती है।
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