पुलिस की लापरवाही, लाखों रुपये लेकर जेल पहुंची मां-बेटी
केके शर्मा रुड़की: कलियर पुलिस की लापरवाही से मां-बेटी लाखों के जेवरात और रकम लेकर
केके शर्मा रुड़की: कलियर पुलिस की लापरवाही से मां-बेटी लाखों के जेवरात और रकम लेकर जेल तक पहुंच गई। पुलिस ने इनकी तलाशी लेने की जहमत तक नहीं उठाई। इस तरह की लापरवाही से कोई बड़ी घटना हो सकती है। जेल में लाखों का माल पकड़े जाने के बाद स्थानीय पुलिस मामले की लीपापोती में लगी है। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी ने सीओ रुड़की को जांच सौंपकर 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
कलियर पुलिस ने मां-बेटी का छह अक्टूबर को शांतिभंग की धारा में चालान कर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था। इनका कोई जमानती नहीं मिलने पर जेएम ने मां-बेटी को जेल भेजने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने इस मामले में पूरी कागजी कार्रवाई तो की, लेकिन मां-बेटी की तलाशी नहीं ली। पुलिस लापरवाही दिखाते हुए मां-बेटी को बिना तलाशी के ही जेल छोड़ आई। जेलकर्मियों ने जब मां-बेटी के पास मौजूद बैग की तलाशी ली, तो उसके अंदर कपड़ों में छिपाकर रखी गई 2.37 लाख की रकम, सोने के जेवरात, चार मोबाइल बरामद हुए। बैग से इतना सामान मिलने पर जेल कर्मी भी हतप्रभ रह गए। जेल प्रशासन ने पूरे सामान की रजिस्टर में एंट्री कर रकम और जेवरात को मालखाने में जमा करा दिया। यह मामला सामने आने के बाद अब पुलिस लीपापोती करने में लगी है। कोट-
कलियर पुलिस ने शांतिभंग के मामले में जिस मां-बेटी को जेल में लेकर आई थी। उनके पास बैग से 2.37 लाख की रकम, जेवरात और चार मोबाइल फोन मिले हैं, जिनकी जेल के रजिस्टर में एंट्री की गई है। इनकी रिहाई होने पर यह माल इन्हें सौंप दिया जाएगा।
-जेपी द्विवेदी, जेलर रुड़की उपकारागार
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कलियर पुलिस की लापरवाही का मामला संज्ञान में आया है। सीओ रुड़की को 48 घंटे के भीतर इस पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। जिस स्तर से लापरवाही हुई है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-रिधिम अग्रवाल, एसएसपी हरिद्वार
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गिरफ्तारी के बाद ये है नियम
पुलिस जब भी किसी आरोपित को गिरफ्तार करती है तो उसे थाने लाया जाता था। थाने में पुलिस उसकी तलाशी लेती है। पुलिस का नियम है कि गिरफ्तार किए गए आरोपित की जामा तलाशी ली जाएं। जामा तलाशी में उसके पास से जो भी सामान मिलता है। पुलिस उस सामान की सूची जीडी (रोजनामचा) में दर्ज करती है। साथ ही इस सामान को थाने के मालखाने में जमा कराया जाता है। आरोपित के जमानत पर बाहर आने के बाद प्रक्रिया के तहत इस माल को आरोपित की सुपुर्दगी में दिया जाता है।