Move to Jagran APP

छह घंटे तक कोरोना संक्रमित करता रहा एंबुलेंस का इंतजार

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोविड सेंटर जाने के लिए जांच में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद छह घंटे बार्डर पर बैठाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 12:07 AM (IST)
छह घंटे तक कोरोना संक्रमित करता रहा एंबुलेंस का इंतजार
छह घंटे तक कोरोना संक्रमित करता रहा एंबुलेंस का इंतजार

संवाद सूत्र, नारसन: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोविड सेंटर जाने के लिए जांच में कोरोना संक्रमित मिले एक मरीज को छह घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा।

loksabha election banner

टिहरी निवासी एक व्यक्ति राजस्थान जयपुर में माइनिग में कार्य करता है। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे वह राजस्थान से नारसन बॉर्डर पर पहुंचा। व्यक्ति को अपने घर टिहरी जाना था। नारसन बॉर्डर के स्वास्थ्य शिविर में व्यक्ति की कोविड-19 की रैपिड एंटीजन जांच हुई, जिसमें वह पॉजिटिव आया। इसके बाद व्यक्ति को वहीं रोक लिया गया और एक स्थान पर बैठा दिया गया। व्यक्ति को बताया गया कि एंबुलेंस से कोविड केयर सेंटर भेजा जाएगा। व्यक्ति एंबुलेंस के इंतजार में शाम चार बजे तक भूखा प्यासा बैठा रहा। शाम के समय जब एंबुलेंस पहुंची तो तब जाकर कोरोना संक्रमित मरीज को कोविड केयर सेंटर भेजा गया। नारसन बॉर्डर स्थित स्वास्थ्य शिविर के नोडल अधिकारी डॉ. उस्मान का कहना है कि उन्होंने सुबह 11 बजे तक कोरोना संक्रमित मरीज के मिलने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी थी। एंबुलेंस उपलब्ध न होने के चलते मरीज को कोविड सेंटर भेजने में देरी हुई। सिविल अस्पताल रुड़की के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कंसल का कहना है कि उन्हें नारसन बॉर्डर पर कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की जानकारी दोपहर करीब ढाई बजे मिली। उस समय उनके अस्पताल की एक एंबुलेंस मरीज को लेकर देहरादून गई हुई थी। जबकि, दूसरी एंबुलेंस रुड़की क्षेत्र में ही तीन कोरोना संक्रमित मरीजों को लेने गई थी। इन तीनों मरीजों को कोविड केयर सेंटर छोड़ते ही एंबुलेंस नारसन बॉर्डर पर पहुंच गई। यानि सूचना के एक घंटे के भीतर मरीज तक एंबुलेंस पहुंच गई थी। मरीज को बताए कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया है। बॉर्डर पर नहीं एंबुलेंस की सुविधा

नारसन: नारसन बॉर्डर पर एंबुलेंस की कोई सुविधा नहीं है। जिसके चलते जब भी कोई यात्री यहां पर कोविड की रैपिड एंटीजन जांच में पॉजिटिव आता है तो उसे इसी तरह से एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है। एंबुलेंस रुड़की आदि से ही आती है। नोडल अधिकारी डॉ. उस्मान ने बताया कि बॉर्डर पर दो एंबुलेंस की मांग की गई है। यहां के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई है। यदि बॉर्डर पर एंबुलेंस मिल जाए तो मरीज को कोविड सेंटर भेजने में देरी नहीं होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.