हरिद्वार में बच्चों सहित पानी की टंकी पर चढ़ी महिला, दो घंटे अफरा-तफरी
जमीन पर कब्जा न हटने से नाराज एक महिला अपने दो बच्चों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गई। महिला अपने बच्चों सहित टंकी से नीचे कूदकर आत्महत्या करने की चेतावनी देने लगी जिससे हड़कंप मच गया। नायब तहसीलदार से आश्वासन मिलने पर महिला नीचे उतरी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। जमीन पर कब्जा न हटने से नाराज एक महिला बुधवार को अपने दो बच्चों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गई। महिला अपने बच्चों सहित टंकी से नीचे कूदकर आत्महत्या करने की चेतावनी देने लगी, जिससे हड़कंप मच गया। नायब तहसीलदार से आश्वासन मिलने पर करीब दो घंटे बाद महिला नीचे उतरी। एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने महिला की जमीन के मामले में जांच टीम गठित करते हुए सात दिन में रिपोर्ट मांगी है।
ज्वालापुर के पांडेवाला निवासी कविता उर्फ कामिनी चौहान के ससुर की सीतापुर में करीब 35 बीघा जमीन थी। साल 1995 में करीब 30 बीघा जमीन देहरादून की एक फर्म को बेची थी। बाद में कुछ और जमीन बेची गई। लगभग तीन बीघा जमीन खाली पड़ी रही। कामिनी चौहान का आरोप है कि कुछ भूमाफिया और राजस्वकर्मियों ने साठगांठ कर जमीन बेच डाली। इस जमीन पर फिलहाल मकान बने हुए हैं। कामिनी काफी दिन से अपनी जमीन कब्जा मुक्त कराने की मांग करती आ रही हैं। आरोप है कि जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने के बावजूद जमीन वापस नहीं मिली।
इससे नाराज कामिनी बुधवार सुबह करीब 11 बजे अपने दो बच्चों को लेकर पांडेवाला में पानी की टंकी पर चढ़ गई। स्थानीय निवासियों की सूचना पर बाजार चौकी प्रभारी देवेंद्र चौहान, उपनिरीक्षक विवेक ने मौके पर पहुंचकर समझाते हुए नीचे उतरने के लिए कहा। पुलिस कुछ स्थानीय निवासियों को साथ लेकर टंकी की आधी सीढ़ियां चढ़ गई, तभी महिला चेतावनी देती रही कि ऊपर आने पर वह बच्चों को नीचे फेंककर खुद भी कूद जाएगी। महिला के नहीं मानने पर नायब तहसीलदार ललित मोहन पोखरियाल व ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण कोश्यारी ने टंकी पर चढ़कर महिला को समझाया कि बहुत जल्द उसकी समस्या का निस्तारण कर दिया जाएगा। नायब तहसीलदार का कहना था कि वह खुद प्रकरण की जांच कर रहे हैं। काफी प्रयास करने और आश्वासन मिलने पर करीब दो घंटे बाद महिला अपने बच्चों सहित नीचे उतर आई।
वहीं, एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान का कहना है कि महिला की जमीन से जुड़े प्रकरण की जांच के लिए नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है, जो सात दिन में रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
फफक कर रोने के बाद बेहोश हुई महिला
टंकी से नीचे उतरने के बाद कामिनी फफक-फफक कर रो पड़ी। उसका कहना था कि कई साल से वह सरकारी दफ्तरों पर एड़ियां घिस रही है। उसे आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। समझाने-बुझाने पर महिला का यह भी कहना था कि अपने छोटे बच्चों को लेकर टंकी पर चढ़ने का उसे कोई शौक नहीं है, मगर हर तरफ से निराशा हाथ लगने पर और कोई रास्ता नहीं बचा था।
पत्नी बच्चे टंकी पर, पति घूमता रहा नीचे
महिला अपने बच्चों के साथ टंकी पर थी और उसका पति नीचे घूमता रहा। पुलिस व कुछ अन्य व्यक्तियों ने पति को समझाया कि पत्नी बच्चों को नीचे उतारे। पति का कहना था कि जमीन न मिलने से उसकी पत्नी ज्यादा परेशान है। अपनी करोड़ों रुपये की जमीन होने के बावजूद उन्हें किराये के मकान में रहना पड़ रहा है।
पटवारी तेलूराम के खिलाफ जमकर नारेबाजी
महिला व उसके परिवार के साथ-साथ काफी संख्या में स्थानीय निवासियों ने पटवारी तेलूराम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि पटवारी ने दूसरे पक्ष से मिलकर जमीन खुर्द-बुर्द की है। कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी पटवारी पर लापरवाही का आरोप लगाया।
कोतवाल और स्थानीय नेता में नोकझोंक
महिला के टंकी पर चढ़ने के दौरान कोतवाल प्रवीण कोश्यारी और एक स्थानीय नेता राकेश के बीच नोकझोंक हो गई। कोतवाल के मौके पर पहुंचने पर राकेश का कहना था कि आपके प्रार्थना पत्र न लेने के कारण महिला टंकी पर चढ़ी है। इस पर कोतवाल प्रवीण कोश्यारी ने पलटवार करते हुए कहा कि महिला की मांग पुलिस से संबंधित नहीं है, इसलिए पुलिस पर आरोप न लगाएं। इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
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