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बैरागी अणियों ने की अखाड़ा परिषद से अलग होने की घोषणा, भारतीय वैष्ण अखाड़ा परिषद का किया गठन

Haridwar Kumbh Mela तीनों बैरागी अणियों ने खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग करते हुए अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन कर लिया है। बैरागी कैंप क्षेत्र में बैठक में तीनों बैरागी अणियों ने यह फैसला लिया है। वे काफी समय से नाराज चल रहे थे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 11:12 PM (IST)
बैरागी अणियों ने की अखाड़ा परिषद से अलग होने की घोषणा, भारतीय वैष्ण अखाड़ा परिषद का किया गठन
बैरागी अणियों ने की अखाड़ा परिषद से अलग होने की घोषणा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela बैरागी अखाड़ों ने की अखिल भारतीय अखाड़ा से अलग होने की घोषणा की। बैरागी कैंप में हुई बैठक में बैरागी अखाड़ों ने अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया। अखाड़ा परिषद पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें परिषद में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। नियमानुसार अध्यक्ष और महामंत्री में से एक पद उन्हें दिया जाना चाहिए था, लेकिन दोनों पद संन्यासी अखाड़ों के पास ही हैं। बैरागी अखाड़े संन्यासी अखाड़ों के कुंभ समापन की घोषणा से भी नाराज थे।

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दरअसल, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री पद पर बैरागी अखाड़ों का प्रतिनिधित्व न होने और शाही स्नान के क्रम के साथ ही कुंभ के समय से पहले संन्यासी अखाड़ों की समाप्ति की घोषणा करने से बैरागी अखाड़े नाराज चल रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर संन्यासी अखाड़ों ने अपने इस कृत्य के लिए क्षमा नहीं मांगी तो वह बड़ा कदम उठा सकते हैं। उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी थी। 

बैरागी अणियों ने कुंभ मेला अधिष्ठान से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर चुके संन्यासी अखाड़ों को चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान में शामिल न करने की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेला अधिष्ठान का कहना है कि शाही स्नान के क्रम और अखाड़ों की स्थिति तय करने का अधिकार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का है, जिसमें उसका कोई अधिकार नहीं। उधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में पूर्व की भांति ही स्नान के क्रम को बनाए रखने की बात कही थी, जिसके बाद बैरागी अणियों यह कदम उठाया। 

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