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Haridwar Kumbh 2021: एक लाख नागा संन्यासी बनाएगा निरंजनी अखाड़ा, 22 से 27 तक दी जाएगी दीक्षा

Haridwar Kumbh Mela 2021 सनातन धर्म की रक्षा विकास और विस्तार में योगदान देने के लिए श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी एक लाख नागा संन्यासी तैयार करेगा। नागा संन्यासी बनने वालों में सर्वाधिक संख्या युवा संन्यासियों की होगी। कुंभ में 22 से 27 अप्रैल तक इन नागा संन्यासियों को दीक्षा दी जाएगी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 10:29 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: एक लाख नागा संन्यासी बनाएगा निरंजनी अखाड़ा, 22 से 27 तक दी जाएगी दीक्षा
Haridwar Kumbh 2021: एक लाख नागा संन्यासी बनाएगा निरंजनी अखाड़ा।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 सनातन धर्म की रक्षा, विकास और विस्तार में योगदान देने के लिए श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी एक लाख नागा संन्यासी तैयार करेगा। नागा संन्यासी बनने वालों में सर्वाधिक संख्या युवा संन्यासियों की होगी। हरिद्वार कुंभ में 22 से 27 अप्रैल तक इन नागा संन्यासियों को दीक्षा दी जाएगी। इस दौरान अखाड़ा के 12 संतों को महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की जाएगी।

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शनिवार को श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नागा संन्यासी कुंभ मेला की शान होते हैं। यह अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन तो करते ही हैं, साथ ही धर्म रक्षा में अपना सर्वस्व बलिदान कर देते हैं। कुंभ मेले में धर्म ध्वजा स्थापना के बाद नागा संन्यासियों को धर्मध्वजा के नीचे दीक्षा देने की परंपरा चली आ रही है।

नागा संन्यासी धर्म संस्कृति के संरक्षण-संवद्र्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निरंजनी अखाड़ा सनातन संस्कृति व धर्मरक्षा में अपना योगदान देता चला आ रहा है। कठिन साधना के बाद नागा संन्यासी तैयार होते हैं। कुंभ में देश भर से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु नागा संन्यासियों के प्रति अटूट श्रद्धाभाव रखते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

इस मौके पर आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने कहा कि बनने वाले एक लाख नागा संन्यासियों में सर्वाधिक संख्या युवा संन्यासियों की होगी। स्वामी कैलाशानंद गिरि के निरंजनी अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनने से युवा संतों में ऊर्जा का संचार हुआ है। युवा संत राष्ट्र की एकता अखंडता और धर्म का प्रचार करने में अहम भूमिका व जिम्मेदारी निभाएंगे। 

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