Move to Jagran APP

Haridwar Kumbh 2021: पुलिस ने दूर की भाषा की अड़चन, श्रद्धालुओं की मदद कर रहे दुभाषिये

Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ में सिर्फ धर्म और अध्यात्म ही नहीं देश की अलग-अलग भाषाओं का संगम भी देखने को मिल रहा है। गैर हिंदूी भाषी राज्यों से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला पुलिस ने अनूठी पहल की है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 01:29 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: पुलिस ने दूर की भाषा की अड़चन, श्रद्धालुओं की मदद कर रहे दुभाषिये
पुलिस ने दूर की भाषा की अड़चन, श्रद्धालुओं की मदद कर रहे दुभाषिये।

मेहताब आलम, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ में सिर्फ धर्म और अध्यात्म ही नहीं, देश की अलग-अलग भाषाओं का संगम भी देखने को मिल रहा है। गैर हिंदूी भाषी राज्यों से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला पुलिस ने अनूठी पहल की है। परिवार से बिछुड़ों को मिलाने के लिए या कोई अन्य समस्या होने पर उनकी भाषा समझना जरूरी है। इस कार्य में मेले में तैनात अर्धसैनिक बल के 65 जवान सुरक्षा के साथ-साथ दुभाषिये की भूमिका निभा रहे हैं।

loksabha election banner

कुंभ में गंगा स्नान का पुण्य कमाने और धर्म व अध्यात्म को करीब से जानने के लिए देश दुनिया से लोग पहुंचते हैं। इनमें अधिकांश राष्ट्रभाषा हिंदूी बोलते हैं। मगर तमिल, कन्नड़, उड़िया, मराठी, असमी, गुजराती जैसी भाषाएं बोलने वाले श्रद्धालु भी कुंभ में पहुंचे हैं। भीड़ में किसी हिंदूी भाषी परिवार का सदस्य बिछुड़ जाए तो उसे ढूंढना पुलिस के लिए आसान हो जाता है। अलबत्ता, गैर हिंदूी भाषी श्रद्धालुओं की मदद के लिए उनकी भाषा समझने में दिक्कत आती है। इस व्यवहारिक कठिनाई को पहचानते हुए कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल ने अनूठी तरकीब निकाली। 

दरअसल, कुंभ मेले में सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल की करीब 40 कंपनियां तैनात हैं। इनमें अलग-अलग भाषाओं को जानने वाले हर राज्य के जवान हैं। मेला आइजी के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक दूर संचार रेवाधर मठपाल ने सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, एसएसबी जैसे बलों से कुल 65 जवानों का चयन दुभाषिये के तौर पर किया और उनको बकायदा प्रशिक्षण दिया गया कि किस प्रकार उन्हें गैर हिंदूी भाषी श्रद्धालुओं और मेला पुलिस के बीच अहम कड़ी बनना है।

मेला क्षेत्र में सुरक्षा की बागडोर संभालने के साथ-साथ ये 65 जवान गैर हिंदूी भाषी श्रद्धालुओं की समस्या जानकर मेला पुलिस को ब्रीफ करते हैं, इसके बाद मेला पुलिस उनकी हर संभव मदद करती है। जवानों की मदद से अनेक बिछुड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाया जा चुका है।

ऐसे बनाई गई है व्यवस्था

उड़िया, तमिल, मराठी व गुजराती भाषा के आठ-आठ, असमी व कन्नड़ भाषा के पांच-पांच, हरियाणा, पंजाब व राजस्थानी भाषा के दो-दो और अन्य भाषाओं को मिलाकर कुल 65 जवानों को मेला क्षेत्र में उनके हैड क्वार्टर पर तैनात किया गया है। मेला पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 1902 या 01334-259300 पर जब भी किसी गैर हिंदूी भाषी श्रद्धालु की कॉल आती है तो संबंधित भाषा के जानकार जवान को कान्फ्रेंस पर लिया जाता है। जवानों को प्रशिक्षण देने वाले पुलिस उपाधीक्षक रेवाधर मठपाल ने बताया कि कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल का आइडिया गैर हिंदूी भाषी श्रद्धालुओं के लिए कारगर साबित हो रहा है।

अपनी भाषा में अपनों को पुकार रहे श्रद्धालु

मेला क्षेत्र में लगे लाउस्पीकर से भी अलग-अलग भाषाएं सुनने को मिल रही हैं। दुभाषिये के तौर पर अतिरिक्त सेवाएं दे रहे जवानों की मदद लेने के साथ ही मेला पुलिस श्रद्धालुओं को ही प्रचार करने का मौका दे रही है। जिससे श्रद्धालु खुद अलग-अलग भाषाओं में अपनों को पुकारते हुए सुने जा रहे हैं। मेला क्षेत्र में कभी राजस्थानी तो कभी कन्नड़ तो अगले ही मिनट में मराठी भाषा सुनाई पड़ रही है। जिससे कुंभ मेला एक मिनी भारत का स्वरूप ले रहा है।

आइजी कुंभ मेला हरिद्वार संजय गुंज्याल ने कहा, मेला पुलिस का उद्देश्य है कि किसी भी कुंभ में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो। गैर हिंदू भाषी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की भाषा को लेकर व्यवहारिक कठिनाई होती है, इसे दूर करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की मदद ली जा रही है। इससे जहां श्रद्धालुओं को अपनी बात कहने में सुविधा हो रही है, वहीं मेला पुलिस के लिए उनकी मदद करना आसान हो रहा है।

यह भी पढ़ें- Haridwar Kumbh Mela 2021: शाही स्नान में दिखा अखाड़ों और नागा संन्यासियों का वैभव, लाखों ने लगाई पुण्य की डुबकी

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.