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Haridwar Kumbh Mela 2021: श्रीशंभू अटल अखाड़े में स्थापित की गई धर्मध्वजा, नौ मार्च को निकाली जाएगी पेशवाई

Haridwar Kumbh Mela 2021 श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़े के चरण पादुका मंदिर के पास वेद मंत्रोच्चार के बीच अखाड़े की 78 फीट ऊंची धर्मध्वजा स्थापित कर दी गई। स्थापना से पूर्व पांच ब्राह्मणों ने 24 घंटे की अनवरत पूजा-अर्चना की और फिर धर्मध्वजा का अभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा हुई।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 01:47 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 01:47 PM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021: श्रीशंभू अटल अखाड़े में स्थापित की गई धर्मध्वजा, नौ मार्च को निकाली जाएगी पेशवाई
श्रीशंभू अटल अखाड़े में स्थापित की गई धर्मध्वजा।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 कनखल स्थित श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़े के चरण पादुका मंदिर के पास रविवार को वेद मंत्रोच्चार के बीच अखाड़े की 78 फीट ऊंची धर्मध्वजा स्थापित कर दी गई। स्थापना से पूर्व पांच ब्राह्मणों ने 24 घंटे की अनवरत पूजा-अर्चना की और फिर धर्मध्वजा का अभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस मौके पर अटल अखाड़े के श्रीमहंत बलराम गिरि ने कहा कि नौ मार्च को अखाड़े की पेशवाई निकाली जाएगी, जबकि महाशिवरात्रि पर्व पर 11 मार्च को सभी सातों संन्यासी अखाड़े पूरे वैभव और शान-ओ-शौकत के साथ एक शाही स्नान करेंगे।

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धर्मध्वजा स्थापना समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि धर्मध्वजा कुंभ आयोजन की प्रतीक है। कुंभ को लेकर अखाड़े अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं और इसी क्रम में धर्मध्वजा स्थापित हो रही हैं। कहा कि संन्यासी अखाड़ों के लिए महाशिवरात्रि पर्व का कुंभ स्नान सबसे बड़ा होता है। राज्य सरकार ने भी पहले इसे शाही स्नान घोषित किया था, लेकिन अब इसे पर्व स्नान के तौर पर ले रही है, जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और सभी संन्यासी अखाड़े इसे शाही स्नान के तौर पर ले रहे हैं और उसी अनुरूप इस दिन स्नान भी करेंगे।

महामंत्री हरिगिरि ने सभी से कोरोना महामारी को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कुंभ मेला छोटी अवधि के लिए ही सही, पर दिव्य एवं भव्य होगा। इस मौके पर महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी, अटल अखाड़े के श्रीमहंत सत्यम गिरि, श्रीमहंत सनद पुरी, श्रीमहंत शरदपुरी, श्रीमहंत शशिपुरी, श्रीमहंत प्रेम गिरि, सचिव मंशा पुरी, श्रीमहंत सुंदर गिरि, श्रीमहंत पवन गिरि, श्रीमहंत मंगतपुरी, श्रीमहंत पुरुषोत्तम गिरि सहित बड़ी संख्या संत-महात्मा उपस्थित थे।

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