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Haridwar Kumbh 2021: शाही स्नान में भाग लेंगे महानिर्वाणी अखाड़े के संत, नियत समय पर किया जाएगा कुंभ का विसर्जन

Haridwar Kumbh 2021 महानिर्वाणी अखाड़े ने साफ किया है कि कुंभ के निमित्त होने वाले स्नान में संत सीमित संख्या में प्रतीकात्मक तौर पर भाग लेंगे। नियत समय पर ही विधि-विधान के साथ कुंभ का विसर्जन किया जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 05:01 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:38 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: शाही स्नान में भाग लेंगे महानिर्वाणी अखाड़े के संत, नियत समय पर किया जाएगा कुंभ का विसर्जन
शाही स्नान में भाग लेंगे महानिर्वाणी अखाड़े के संत।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 महानिर्वाणी अखाड़े ने साफ किया है कि कुंभ के निमित्त होने वाले स्नान में संत सीमित संख्या में प्रतीकात्मक तौर पर भाग लेंगे। नियत समय पर ही विधि-विधान के साथ कुंभ का विसर्जन किया जाएगा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर श्री पंचदशनाम जूना, अटल, अग्नि और आह्वान अखाड़े कुंभ के समापन की घोषणा कर दी थी, जबकि श्री निरंजनी और आनंद अखाड़ा पहले ही कुंभ का विसर्जन कर चुके हैं। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने इस मुद्दे पर सोमवार को बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक को लेकर देर शाम तक भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। पहले यह बैठक रविवार को बुलाई गई थी।

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सोमवार देर शाम महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विशोकानंद भारती ने संपर्क करने पर बताया कि अखाड़े के संत 27 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में बैरागी, उदासीन और निर्मल अखाड़े के साधु-संन्यासियों के साथ प्रतीकात्मकतौर पर भाग लेंगे। आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि कुंभ पर्व दैवीय आयोजन है। इसमें समस्त देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है।

अखाड़े की छावनी में विधि-विधान से धर्मध्वजा की स्थापना होती है। ऐसे में अचानक कुंभ का विसर्जन शास्त्र और धर्म सम्मत नहीं। यह उचित भी नहीं। उन्होंने कहा कि स्नान के दौरान कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा। कहा कि अखाड़े की छावनी लगभग खाली हो चुकी है। अधिकतर साधु-संन्यासी लौट चुके हैं। अब अखाड़े में सीमित संख्या में ही साधु-संन्यासी रह गए हैं। 

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