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Haridwar Kumbh 2021: अखाड़ों की छावनी को शुरू नहीं हुआ भूमि आवंटन, मेला अधिष्ठान को सरकारी गाइडलाइन का इंतजार

Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार कुंभ में अखाड़ों की छावनी बनाने को लेकर सरकार के स्तर से अब तक कोई निर्णय न होने से अखाड़ों में असमंजस की स्थिति है। मेला अधिष्ठान अखाड़ों सहित अन्य संस्थाओं को अब तक भूमि का आवंटन शुरू नहीं कर पाया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 03:18 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: अखाड़ों की छावनी को शुरू नहीं हुआ भूमि आवंटन, मेला अधिष्ठान को सरकारी गाइडलाइन का इंतजार
Haridwar Kumbh 2021: अखाड़ों की छावनी को शुरू नहीं हुआ भूमि आवंटन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार कुंभ में अखाड़ों की छावनी बनाने को लेकर सरकार के स्तर से अब तक कोई निर्णय न होने से अखाड़ों में असमंजस की स्थिति है। मेला अधिष्ठान अखाड़ों सहित अन्य संस्थाओं को अब तक भूमि का आवंटन शुरू नहीं कर पाया है, जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और उससे जुड़े बैरागी अखाड़े इसे लेकर कई बार अपनी नाराजगी जता चुके हैं। वहीं, 25 जनवरी को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और आंनद अखाड़े के रमता पंचों का नगर में प्रवेश होगा। ऐसे में उन्हें ठहराने के लिए पैदा होने वाली दिक्कत को कैसे दूर किया जाएगा। 

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परंपरा के अनुसार अखाड़ा परिषद के समन्वय से सभी 13  अखाड़ों और उनकी अणियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कुंभ मेला क्षेत्र में छावनी लगाने के लिए भूमि का आवंटन किया जाता है। अखाड़े अपनी आवश्यकता के अनुसार आपसी बंटवारे के बाद क्षेत्र में टेंट इत्यादि लगाकर अखाड़े में पहुंचने वाले संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं की सुविधा को अपनी छावनी तैयार करते हैं। 

कोरोना संक्रमण के दौर में हो रहे हरिद्वार कुंभ में इसे लेकर अब तक सरकारी स्तर से कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी न होने के कारण फिलवक्त तक कुंभ मेला क्षेत्र में अखाड़ों की छावनी और टेंट सिटी नहीं बन पाई है। कहा जा रहा है कि सरकार हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण के चलते मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और अखाड़ों की छावनी की स्थापना करने के पक्ष में नहीं है। अखाड़े और कुंभ में आने वाले श्रद्धालु हरिद्वार के होटल, धर्मशालाओं, मठ-मंदिरों और आश्रम में रह कर कुंभ के निमित्त अपने धार्मिक कार्यों को पूरा करते हुए कुंभ स्नान करें। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सहित सभी अखाड़े इसके पक्ष में नहीं है।    

कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि सरकारी गाइडलाइन जारी होते ही अखाड़ों को भूमि आवंटन का काम शुरू कर दिए जाएगा। इससे संबंधित अन्य कार्य पूरे कर लिए गए हैं, इसलिए आगे दिक्कत नहीं होगी। पेयजल, विद्युतीकरण और मैदान समतलीकरण को लेकर सभी तैयारी पूरी है।

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखिल भारतीय कुंभ मेला होटल, धर्मशालाओं में नहीं होगा। मेला क्षेत्र के खुले मैदान में अखाड़ों की छावनी में होगा। सरकार और मेला अधिष्ठान को इसके लिए व्यवस्था करनी ही होगी। नहीं तो अखाड़े स्वयं इसकी व्यवस्था कर लेंगे।

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